मधुमेह आज एक आम स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है। मधुमेह मुख्यतः दो प्रकार की होती है: टाइप 1 मधुमेह,इस अवस्था में शरीर इंसुलिन का निर्माण नहीं करता और टाइप 2 मधुमेह, इस अवस्था में शरीर पर्याप्त इंसुलिन का निर्माण नहीं करता या यदि करता है तो सही रूप से कार्य नहीं करता। मधुमेह के आम लक्षणों में थकान,वजन का घटना (भले ही आप अधिक खा रहे हैं ), अत्यधिक प्यास,बार बार पेशाब का आना,घावों को ठीक होने में बहुत अधिक समय लगना इत्यादि शामिल है।
मधुमेह के लिए कोई इलाज नहीं है। जबकि नियंत्रण के तहत अपने रक्त शर्करा के स्तर के साथ आप एक पूरी तरह से सामान्य जीवन जी सकते है। आइए जाने कुछ ऐसे प्राकृतिक तरीके जिनके उपयोग से आप अपने रक्त शर्करा के स्तर को सामान्य बनाए रख सकते है।
करेला:
करेले को कडवे तरबूज के नाम से भी जाना जाता है। यह रक्त शर्करा को कम करके मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए सहायक हो सकता है । यह एक विशेष अंग या ऊतक के बजाय आपके सारे शरीर पर ग्लूकोज चयापचय (Glucose metabolism)को प्रभावित करता है।
यह अग्नाशय इंसुलिन(Pancreatic Insulin) के स्राव वृद्धि में मदद करता है और इंसुलिन प्रतिरोध को रोकता है। इस प्रकार, करेला दोनों टाइप 1 और टाइप 2 मधुमेह के लिए फायदेमंद है। हालांकि, यह पूरी तरह से इंसुलिन उपचार को बदलने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
केरेले की बीज को अलग निकाल दे और हरे भाग का जूस निकाल ले और दो महीने प्रतिदिन सुबह खाली पेट इसका सेवन करें। इसके अलावा आप सब्जी के रूप में भी इसका इस्तेमाल अपने दैनिक आहार के रूप में कर सकते है।
दालचीनी:
पाउडर दालचीनी में इंसुलिन गतिविधि उत्तेजक द्वारा रक्त में शर्करा के स्तर को कम करने की क्षमता है। इसमें मौजूद बायोएक्टिव घटक इसे मधुमेह से लड़ने के लिए उपयुक्त बनाते है।
बहुत से अध्यनों में यह पाया गया है की यह टाइप-2 मधुमेह को कम करने के लिए एक प्रभावी विकल्प साबित हुयी है। दालचीनी का अधिक मात्र में उपयोग नहीं करना चाहिए क्यों की अक्सर किराने की दुकानों में कैसिया दालचीनी (Cassia cinnamon) उपलब्ध होती है जिसमें कूमेरिन (Coumarin) नामक यौगिक की अधिकता पायी जाती है। जो की एक जहरीला यौगिक है और इसके कारण जिगर की क्षति का खतरा बढ़ जाता है।
इसके अलावा दालचीनी की एक और किस्म सीलोन दालचीनी (Ceylon cinnamon) है जिसे स्वास्थय के लिए बेहतर माना जाता है परंतु रक्त में शर्करा के स्तर को कम करने की इसकी क्षमता को अभी जांचा नहीं गया है।
मेथी:
मेथी एक ऐसी जड़ी बूटी है जिसका इस्तेमाल हाइपोग्लिसीमिक गतिविधि के कारण मधुमेह को नियंत्रित करने, ग्लूकोज सहिष्णुता को बढ़ाने, रक्त शर्करा के स्तर को कम करने के लिए किया जाता है। यह ग्लूकोज पर निर्भर इंसुलिन के स्राव को उत्तेजित करता है । फाइबर में उच्च होने के नाते, यह कार्बोहाइड्रेट और शर्करा के अवशोषण को धीमा करता है।
आंवला:
आंवला विटामिन-सी का समृद्ध स्त्रोत है और अग्न्याशय (Pancreas) के समुचित कार्य को बढ़ावा देता है। दो-या तीन आवले ले कर उनके बीज निकाल ले और फिर हरे भाग को पीस कर पेस्ट बना ले। इस पेस्ट को किसी कपड़े में बांध कर इसका जूस निकाल ले। इस जूस का रोजाना सुबह खाली पेट सेवन करें।
इसके अलावा आप करेले के जूस में भी आँवलें के जूस का इस्तेमाल कर सकते है।
जामुन:
जामुन के हर भाग जैसे की पत्तों, फल, गुटली इत्यादि का इस्तेमाल मधुमेह के उपचार में किया जा सकता है। एक अध्यन में यह बात सामने आई है की जामुन का फल और इसकी गुटली तेजी से रक्त और मूत्र में शर्करा की मात्रा कम करने में तेज़ी से मदद करते है। जब भी यह फल मार्केट में उपलब्ध हो तो इसका इस्तेमाल जरूर करें। यह आपके अग्न्याशय के लिए बहुत कारगर सिद्ध हो सकता है। इसके अलावा आप इसकी गुठली का भी पाउडर बना के रख सकते है और दैनिक तौर पर दो बार इसका इस्तेमाल कर सकते है।
आम के पत्ते:
नाजुक और निविदा आम के पत्तों का रक्त में इंसुलिन के स्तर को विनियमित करने और मधुमेह का इलाज करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। यह रक्त लिपिड प्रोफाइल में भी सुधार कर सकते हैं।
कड़ी-पत्ता :
कड़ी पत्ता में मौजूद मधुमेह रोधी गुण मधुमेह को नियंत्रित करने में उपयोगी होते हैं। ऐसा माना जाता है की इसमें एक ऐसा घटक मौजूद है जो स्टार्च के ग्लूकोस में बदलने की प्रक्रिया को धीमा कर देता है। इसके लिए आप प्रतिदिन कड़ी पत्ता के 8-10 पत्तों को सीधे तौर पर चबा सकते है। इसका 3 से 4 माह तक इस्तेमाल करें यह कोलेस्ट्रॉल लेवेल को भी बनाए रखने में एहम भूमिका निभाता है।
एलोवीरा :
एलोवीरा जेल रक्त में शर्करा के स्तर को तेज़ी से कम करता है। इसके अलावा एलोवीरा जेल, बे पत्तिया(Bay Leaves) और हल्दी का संयोजन रक्त में शर्करा के स्तर को कम करता है। इसका इस्तेमाल आप दोपहर और रात्री के भोजन से पहले दिन में दो बार कर सकते है।
अमरूद:
अमरूद में उच्च फाइबर सामग्री और विटामिन-सी की अधिकता रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखने में वास्तव में मददगार हो सकते है।मधुमेह रोगियो के लिए ये जरूरी है की वो इसका इस्तेमाल छिलका उतारने के बाद ही करें। इसके अलावा इसका इस्तेमाल दिन में बहुत अधिक मात्रा में भी न करें। (आईए जाने अमरूद में है कौन-कौन से रोगो से लड़ने की क्षमता | Amazing Guava Benefits)
भिंडी:
भिंडी में मौजूद पोलिफेनोलिक मॉलिक्यूल रक्त में शर्करा के स्तर को कम करने में एहम भूमिका अदा करते है। भिंडी को दोनों किनारो से काट ले और इसमें कांटे की सहायता से कई छिद्र कर दे। अब इसे पूरी रात पानी में भीगने के लिए छोड़ दे। अब सुबह इस पानी का इस्तेमाल खाली पेट पीने के लिए करें।
मधुमेह के लिए कोई इलाज नहीं है। जबकि नियंत्रण के तहत अपने रक्त शर्करा के स्तर के साथ आप एक पूरी तरह से सामान्य जीवन जी सकते है। आइए जाने कुछ ऐसे प्राकृतिक तरीके जिनके उपयोग से आप अपने रक्त शर्करा के स्तर को सामान्य बनाए रख सकते है।
करेला:
करेले को कडवे तरबूज के नाम से भी जाना जाता है। यह रक्त शर्करा को कम करके मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए सहायक हो सकता है । यह एक विशेष अंग या ऊतक के बजाय आपके सारे शरीर पर ग्लूकोज चयापचय (Glucose metabolism)को प्रभावित करता है।
यह अग्नाशय इंसुलिन(Pancreatic Insulin) के स्राव वृद्धि में मदद करता है और इंसुलिन प्रतिरोध को रोकता है। इस प्रकार, करेला दोनों टाइप 1 और टाइप 2 मधुमेह के लिए फायदेमंद है। हालांकि, यह पूरी तरह से इंसुलिन उपचार को बदलने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
केरेले की बीज को अलग निकाल दे और हरे भाग का जूस निकाल ले और दो महीने प्रतिदिन सुबह खाली पेट इसका सेवन करें। इसके अलावा आप सब्जी के रूप में भी इसका इस्तेमाल अपने दैनिक आहार के रूप में कर सकते है।
दालचीनी:
पाउडर दालचीनी में इंसुलिन गतिविधि उत्तेजक द्वारा रक्त में शर्करा के स्तर को कम करने की क्षमता है। इसमें मौजूद बायोएक्टिव घटक इसे मधुमेह से लड़ने के लिए उपयुक्त बनाते है।
बहुत से अध्यनों में यह पाया गया है की यह टाइप-2 मधुमेह को कम करने के लिए एक प्रभावी विकल्प साबित हुयी है। दालचीनी का अधिक मात्र में उपयोग नहीं करना चाहिए क्यों की अक्सर किराने की दुकानों में कैसिया दालचीनी (Cassia cinnamon) उपलब्ध होती है जिसमें कूमेरिन (Coumarin) नामक यौगिक की अधिकता पायी जाती है। जो की एक जहरीला यौगिक है और इसके कारण जिगर की क्षति का खतरा बढ़ जाता है।
इसके अलावा दालचीनी की एक और किस्म सीलोन दालचीनी (Ceylon cinnamon) है जिसे स्वास्थय के लिए बेहतर माना जाता है परंतु रक्त में शर्करा के स्तर को कम करने की इसकी क्षमता को अभी जांचा नहीं गया है।
- एक से डेढ़ चम्मच दालचीनी पाउडर का इस्तेमाल एक गिलास गर्म पानी में डाल कर दैनिक तौर पर करें।
- इसके अलावा दालचीनी की दो से चार लाठी ले कर उसे पानी में उबाल ले और उसे लगभग 20 मिनट तक ठंडा होने दे। इस घोल का दैनिक तौर पर इस्तेमाल तब तक करें जब तक की आपको सुधार नज़र न आए।
- इसके अलावा आप इसका इस्तेमाल अन्य खाद्य पदार्थो के साथ भी कर सकते है।
मेथी:
मेथी एक ऐसी जड़ी बूटी है जिसका इस्तेमाल हाइपोग्लिसीमिक गतिविधि के कारण मधुमेह को नियंत्रित करने, ग्लूकोज सहिष्णुता को बढ़ाने, रक्त शर्करा के स्तर को कम करने के लिए किया जाता है। यह ग्लूकोज पर निर्भर इंसुलिन के स्राव को उत्तेजित करता है । फाइबर में उच्च होने के नाते, यह कार्बोहाइड्रेट और शर्करा के अवशोषण को धीमा करता है।
- रात के समय दो बड़े चम्मच मेथी के दानो को पानी में भिगो कर छोड़ दे। सुबह खाली पेट इस पानी का इस्तेमाल बीजो सहित पीने के लिए करें। कुछ ही महीनो में यह आपके रक्त में शर्करा के स्तर को कम कर देगा।
- इसके अलावा आप दैनिक तौर पर मेथी के बीजो के पाउडर का इस्तेमाल दूध के साथ भी कर सकते है।
आंवला:
आंवला विटामिन-सी का समृद्ध स्त्रोत है और अग्न्याशय (Pancreas) के समुचित कार्य को बढ़ावा देता है। दो-या तीन आवले ले कर उनके बीज निकाल ले और फिर हरे भाग को पीस कर पेस्ट बना ले। इस पेस्ट को किसी कपड़े में बांध कर इसका जूस निकाल ले। इस जूस का रोजाना सुबह खाली पेट सेवन करें।
इसके अलावा आप करेले के जूस में भी आँवलें के जूस का इस्तेमाल कर सकते है।
जामुन:
जामुन के हर भाग जैसे की पत्तों, फल, गुटली इत्यादि का इस्तेमाल मधुमेह के उपचार में किया जा सकता है। एक अध्यन में यह बात सामने आई है की जामुन का फल और इसकी गुटली तेजी से रक्त और मूत्र में शर्करा की मात्रा कम करने में तेज़ी से मदद करते है। जब भी यह फल मार्केट में उपलब्ध हो तो इसका इस्तेमाल जरूर करें। यह आपके अग्न्याशय के लिए बहुत कारगर सिद्ध हो सकता है। इसके अलावा आप इसकी गुठली का भी पाउडर बना के रख सकते है और दैनिक तौर पर दो बार इसका इस्तेमाल कर सकते है।
आम के पत्ते:
नाजुक और निविदा आम के पत्तों का रक्त में इंसुलिन के स्तर को विनियमित करने और मधुमेह का इलाज करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। यह रक्त लिपिड प्रोफाइल में भी सुधार कर सकते हैं।
- 10-15 नये पत्तों को रात भर पानी में भीगने के लिए छोड़ दे और सुबह उस पानी का इस्तेमाल छान कर पीने के लिए करें।
- इसके अलावा आप इन पत्तों को छाया में सूखा कर महीन चूरन बना ले और इसका इस्तेमाल दैनिक तौर पर दिन में 1-2 बार करें।
कड़ी-पत्ता :
कड़ी पत्ता में मौजूद मधुमेह रोधी गुण मधुमेह को नियंत्रित करने में उपयोगी होते हैं। ऐसा माना जाता है की इसमें एक ऐसा घटक मौजूद है जो स्टार्च के ग्लूकोस में बदलने की प्रक्रिया को धीमा कर देता है। इसके लिए आप प्रतिदिन कड़ी पत्ता के 8-10 पत्तों को सीधे तौर पर चबा सकते है। इसका 3 से 4 माह तक इस्तेमाल करें यह कोलेस्ट्रॉल लेवेल को भी बनाए रखने में एहम भूमिका निभाता है।
एलोवीरा :
एलोवीरा जेल रक्त में शर्करा के स्तर को तेज़ी से कम करता है। इसके अलावा एलोवीरा जेल, बे पत्तिया(Bay Leaves) और हल्दी का संयोजन रक्त में शर्करा के स्तर को कम करता है। इसका इस्तेमाल आप दोपहर और रात्री के भोजन से पहले दिन में दो बार कर सकते है।
अमरूद:
अमरूद में उच्च फाइबर सामग्री और विटामिन-सी की अधिकता रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखने में वास्तव में मददगार हो सकते है।मधुमेह रोगियो के लिए ये जरूरी है की वो इसका इस्तेमाल छिलका उतारने के बाद ही करें। इसके अलावा इसका इस्तेमाल दिन में बहुत अधिक मात्रा में भी न करें। (आईए जाने अमरूद में है कौन-कौन से रोगो से लड़ने की क्षमता | Amazing Guava Benefits)
भिंडी:
भिंडी में मौजूद पोलिफेनोलिक मॉलिक्यूल रक्त में शर्करा के स्तर को कम करने में एहम भूमिका अदा करते है। भिंडी को दोनों किनारो से काट ले और इसमें कांटे की सहायता से कई छिद्र कर दे। अब इसे पूरी रात पानी में भीगने के लिए छोड़ दे। अब सुबह इस पानी का इस्तेमाल खाली पेट पीने के लिए करें।