आइए जाने कैसे प्राकृतिक रूप से करें बालों का झड़ना कम | Home remedies to stop Hair Fall

बालों का झड़ना एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो स्त्री या पुरुष दोनों में हो सकती है। बालों के झड़ने के पीछे कई कारक हो सकते है जैसे पर्यावरणीय प्रभाव, उम्र बढ़ना , बहुत अधिक तनाव , अत्यधिक धूम्रपान , पोषक तत्वों की कमी , हार्मोनल असंतुलन , आनुवांशिक कारक , खोपड़ी में संक्रमण, गलत या रासायनिक उत्पादों का बालों पर इस्तेमाल , कुछ दवाए और चिकित्सा अवस्था जैसे थायराइड, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओ) , आयरन की कमी से एनीमिया , और पुरानी बीमारियां।

आपके सिर पर तकरीबन 100,000 बालों की किस्में मौजूद होती है। यदि आप 50 से 100 किस्म को प्रीतिदिन खो देते है तो इसे सामान्य माना जाता है। परंतु यदि ये संख्या बढ़ती है तो इसके बारें में सोचना जरूरी हो जाता है क्योंकि ये गंजेपन का कारण बन सकती है। और आपके लिए यह समय कारवाई करने का है। घर पर उपलब्ध बहुत सी सामाग्री का इस्तेमाल करके आप इस समस्या से छुटकारा प सकते है।

तेल मालिश:
पहला कदम जो आप अपने बालों को झड़ने से बचाने के लिए उठा सकते है ,बालों पर तेल की मालिश करना। बालों और खोपड़ी की उचित मालिश बालों के रोम में रक्त के प्रवाह को बढ़ती है और बालों की जड़ो को मजबूत करती है। इसके अलावा यह तनाव को कम करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। आप इसके लिए बादाम का तेल, जैतून का तेल , अरंडी का तेल , आंवला तेल, या दूसरे तरह के बालों के तेल का उपयोग कर सकते हैं। इस विधि का उपयोग सप्ताह में कम से कम दो बार करें।

आंवला:
बालों के प्राकृतिक और तेज़ विकास के लिए आप आंवले का इस्तेमाल भी कर सकते है। आंवलें में विटामिन-सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है जिसकी कमी बालों के झड़ने का कारण बन सकती है। एंटीऑक्सिडेंट, जीवाणुरोधी गुण आँवलें को बालों के विकास को बढ़ावा देने में मदद करते है और खोपड़ी को भी स्वस्थ बनाए रखते है।
आवलें के चूरन या लुगदी में नींबू के रस को मिलाये। इस मिश्रण की सिर पर अच्छी तरह से मालिश करें। सिर को ढक ले और सुबह तक इसे रहने दे। सुबह शैम्पू के इस्तेमाल से बालों को धो लें।

मेथी:
मेथी भी बालों के झड़ने के उपचार में बहुत प्रभावी है। मेथी के बीज में हार्मोन पूर्ववृत्त होते हैं जो बाल विकास को बढ़ाने और बालों के रोम के पुनर्निर्माण में मदद करते है। इसमें बालों के विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रोटीन और निकोटिनिक एसिड होते हैं।
रात को मेथी के बीज पानी में भीगने के लिए छोड़ दें और सुबह उसका पेस्ट तैयार कर ले। इस पेस्ट का इस्तेमाल बालों और खोपड़ी पर करें। इसे लगभग 40 मिनट सूखने के लिए छोड़ दें। और फिर पानी की मदद से इसे धो दें। इस विधि का उपयोग एक महिना रोज़ सुबह करें।

प्याज का रस:
प्याज के रस में मौजूद सल्फर की अधिकता बालों के रोम में रक्त परिसंचरण में सुधार, बालों के रोम पुनर्जन्म और सूजन को कम करने में मदद करती है और बालों का झड़ना कम करती है। प्याज के रस में मौजूद जीवाणुरोधी गुण कीटाणुओं और परजीवियों को मारने में मदद करते है और खोपड़ी पर होने वाले संक्रमण को रोकते है। 2002 में प्रकाशित एक अध्यन में यह पाया गया की 74% लोगो ने बालों के झड़ने की समस्या को प्याज के रस से कम किया और महत्वपूर्ण रूप से बालों के विकास का अनुभव किया।
प्याज का रस निकाल कर उसे अच्छी तरह से मिला ले और इसका इस्तेमाल बालों और खोपड़ी की मालिश करने के लिए करें। इसे तकरीबन 30 मिनट के लिए छोड़ दें। पानी से धोने के बाद शैम्पू की मदद लें। इस विधि का उपयोग कई हफ़्तों के लिए सप्ताह में 2 से 3 बार करें।

एलोविरा:
एलोवीरा में मौजूद एंजाईम्स बालों के स्वस्थ विकास में सीधे तौर पर मदद करते है। इसके अलावा यह बालों के पीएच लेवल को वांछनीय स्तर पर ला कर बालों के विकास में बढ़ावा लाते है। खुजली दूर करने, लाली और सूजन को कम करने , बालों को शक्ति और चमक बढ़ाने और रूसी कम करने के लिए एलोवीरा जेल या एलवीरा जूस का इस्तेमाल किया जा सकता है।
बालों पर एलोवीरा जूस या जेल की मालिश करें और इसे कुछ घंटो के लिए छोड़ दें। गुनगुने पानी से धो लें । इस प्रक्रिया को 3-4 बार एक सप्ताह में दोहराएँ।

मुलैठी की जड़:
मुलैठी की जड़ एक अन्य जड़ी बूटी है जो बालों के झड़ने की समस्या को कम करती है। इसमें मौजूद शीतलता प्रदान करने वाले तत्व खोपड़ी पर होने वाली जलन को कम करते है और रूसी एवं गंजेपन से छुटकारा पाने में मदद करते है।
एक चौथाई केसर के चम्मच में एक गिलास दूध व एक बड़ा चम्मच मुलैठी की जड़ का पाउडर डालें। इस मिश्रण को सोते समय बालों व खोपड़ी पर लगाए और सुबह तक छोड़ दें। सुबह पानी के साथ बालों को धो लें। इस विधि का उपयोग सप्ताह में एक से दो बार करें।


चीनी हिबिस्कुस:
चीनी हिबिस्कुस के फूल में कई प्राकृतिक गुण है जो बालों के झड़ने के इलाज में मदद कर सकते हैं। बाल विकास को बढ़ावा देने के अलावा यह रूसी को कम करने, दोमुहे बालों को कम करने, और मजबूत बनने, बालों के सफ़ेद होने की प्रक्रिया को कम करने में भी मदद करता है।
नारियल तेल के दो कप ले और उसमें दो फूल चीनी हिबिस्कुस के डालें। इसे तब तक गरम करें जब तक की यह जल कर काला नहीं हो जाता। टाइल को इस मिश्रण से छान लें। इस तेल को रात को सोने से पहले अपने बाललों और खोपड़ी पर लगाएँ और सुबह होने पर धो दे। इसे एक सप्ताह में कई बार दोहराए। इस फूल का इस्तेमाल आप चाय बनाने के लिए भी कर सकते है और उसकी मदद से बालों को धो सकते है।

चुकंदर:
चुकंदर का रस कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन , पोटेशियम, फास्फोरस, कैल्शियम ,विटामिन-बी और विटामिन-सी से भरपूर होता है और ये सभी पोषक तत्व स्वस्थ बालों के विकास के लिए आवश्यक हैं । अपने आहार में ताजे चुकंदर का रस शामिल करें। इसके अलावा , पालक का रस, अल्फला रस , सलाद का रस, या गाजर का रस इत्यादि से भी बालों को स्वस्थ रखने में मदद मिलेगी ।
वैकल्पिक रूप से चुकंदर के कुछ पत्ते( पानी में उबले हुये) मेहँदी के साथ मिलकर अपने बालों एवं खोपड़ी पर लगाएँ। इसे 15-20 मिनट के लिए रहने दें और फिर बालों को धो दें। एक सप्ताह में ऐसा कई बार दोहराएँ।


अलसी का बीज:
अलसी का बीज ओमेगा -3 फैटी एसिड का एक समृद्ध स्रोत हैं जो बालों का गिरना रोकता है और उनके विकास को प्रोत्साहित करता है। सुबह पानी के साथ एक चम्मच अलसी के बीज का सेवन पानी के साथ करें। आप इंका इस्तेमाल तेल बनाने के लिए भी कर सकते है और सीधे तौर पर अपने बालों पर लगा सकते है।

नारियल का दूध :
नारियल के दूध में मौजूद प्रोटीन बाल विकास को बढ़ावा देने और बाल नुकसान को रोकने कि आवश्यक वसा में समृद्ध है। प्रभावी उपचार के लिए इसमें काली मिर्च और मेथी के बीज का मिश्रण दाल कर इस्तेमाल करें।



मुह के छालों के लिए प्राकृतिक इलाज़ | Home remedies for Mouth Ulcer


मुह के छाले एक आम स्वास्थ्य समस्या है जो बहुत ज्यादा परेशान कर देने वाली होती है। ये दर्दनाक खुले घाव छाले सफ़ेद रंग के होते है और लाल रंग के बार्डर से घिरे रहते है। अधिकतर यह जीभ के नीचे , गाल और होंठों के बीच दिखाई देते हैं ।

ये कई कारणो से उत्पन्न हो सकते है जैसे कब्ज, वंशानुगत कारक, हार्मोनल परिवर्तन, अतिरिक्त अम्लता, तनाव, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, विटामिन सी, लोहा या अन्य पोषक तत्वों की कमी।

मुंह के छालों आमतौर पर गंभीर समस्या नहीं हैं और सात से 10 दिनों के भीतर ठीक होने लगते हैं। परंतु यदि मुह में पड़ने वाले छालों का व्यास ज्यादा है तो इन्हे ठीक होने मे वक्त लग सकता है।

मुलैठी की जड़ :
मुह के छालों को मुलैठी की जड़ की मदद से भी ठीक किया जा सकता है। यह जड़ी बूटी एक शान्तिदायक के रूप में काम करती है और श्लेष्मा झिल्ली (Mucous Membranes)पर एक सुरक्षात्मक परत बना देती है जो जलन को कम करके खुले घावों को कम करने में मदद करती है।

दो कप पानी में पीसी हुई मुलैठी की जड़ को 2 से 3 घंटे के लिए भिगने के लिए छोड़ दें। इस पानी को उपयोग दिन में कई बार मुह का कुल्ला करने के लिए इस्तेमाल करें।

नारियल का दूध:
नारियल का दूध मुंह के छालों के दर्द से आराम देने में बेहद फायदेमंद है । नारियल के दूध के एक बड़े चम्मच में थोड़ा सा शहद मिलाये और इसकी मालिश प्रभावित क्षेत्र पर करें। ऐसा दिन में कम से कम 3 से 4 बार करें।

इसके अतिरिक्त आप नारियल के दूध का उपयोग मुह का कुल्ला करने के लिए भी कर सकते है या फिर नारियल के तेल को भी प्रभावित क्षेत्र पर लगा सकते है।

धनिये के बीज:
धनिये के बीज एक बहुत ही किफ़ायती आयुर्वेदिक इलाज है जो सूजन को कम करके मुह को आराम पहुंचाता है।  एक चम्मच धनिये के बीज ले कर उसे एक कप पानी में उबाल ले। इसे ठंडा करें और छान कर पानी का इस्तेमाल कुल्ला करने और बीजो को मुह के छालों पर लगाएँ। ऐसा दिन में 3 से 4 बार करें।

बेकिंग सोडा:
इसे सोडियम बाइकार्बोनेट के नाम से भी जाना जाता है और मुह के छालों से निजात पाने में सहायता करता है। बेकिंग सोडा उन लोगों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है जो अम्लीय खाद्य पदार्थ या पेय की वजह से मुह के छालों से परेशान हो। यह सूजन को कम करके कीटाणुओं और जीवाणुओं को हटा देगा। सावधान रहे यह जलन का कारण बन सकता है। बेकिंग पाउडर को पानी के साथ मिला कर एक पतला पेस्ट बना ले और इसे प्रभावित क्षेत्र पर लगाए। ऐसा दिन में कई बार दोहराएँ।

शहद:
शहद भी मुह के छालों से निजात पाने में मदद करता है। यह मुह की नमी बनाए सखता है और घाव भरने की प्रक्रिया को तेज करता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट और रोगाणुरोधी गुण मौजूद होते है।
रूई का एक फाहा ले कर उसे शहद में डुबोए और प्रभावित क्षेत्र पर लगाए। आप इसी तरह ग्लिसरीन या विटामिन-ई तेल का इस्तेमाल भी कर सकते है।

तुलसी :
तुलसी के पत्ते मुह के छालों की ठीक होने की प्रक्रिया को तेज़ करते है। इसके अलावा इसमें जीवाणुरोधी और एंटीवायरल गुण होते हैं। तुलसी के 4-5 पत्ते ले कर उन्हे साफ पानी से धो लें और उन्हे चबाये। दिन में सुबह और शाम ऐसा करें।

एलोविरा:
एलोवीरा का जेल या जूस प्रभावित क्षेत्र पर लगाए। यह दर्द को कम करके घाव भरने की प्रक्रिया को तेज़ करता है और एक प्राकृतिक एंटीसेप्टिक के रूप में काम करता है। एक अनुसंधान में इसे हर तरह के मुँह के छालों , घावों, मसूड़े की सूजन , और दाद के रूप में मौखिक स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने के लिए उपयोगी दिखाया गया है।

बर्फ:
बर्फ से मुंह के छालों के दर्द को सुन्न करने के लिए एक प्रभावी घरेलु उपाय है। आप इसका उपयोग जलन पेड़ा करने वाले क्षेत्र पर कर सकते है।

इस उपचार के दौरान मसालेदार और अम्लीय खाद्य पदार्थ खाने से बचे एवं दांतों को साफ करने के लिए नर्म ब्रुश का ही उपयोग करें। यदि समस्या ज्यादा है तो डॉक्टर की सलाह व सहायता जरूर लें।

महिलाओं के लिए जरूरी शीर्ष 10 विटामिन | top ten vitamins for women

आज की महिलाएँ स्वास्थ्य के प्रति सजग हैं और एक स्वस्थ आहार योजना का पालन करना पसंद करती हैं। एक आदर्श आहार योजना वो है जिसमें विटामिन का सही संयोजन भी शामिल हो। हर उम्र, वजन, या प्रॉफ़ेशन की महिला को स्वास्थ्य समस्याओं के विभिन्न प्रकार को रोकने के लिए विटामिन की एक विस्तृत विविधता का उपभोग करने की जरूरत रहती है।
विटामिन शरीर के विभिन्न अंगो को ठीक से काम करने में सहता प्रदान करते है। विभिन्न विटामिनों में से प्रत्येक एक विशिष्ट कार्य करता है। आवश्यक विटामिन की कमी कुछ गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। इस लिए ये अत्यंत जरूरी हो जाता है की आप जो भी भोजन लें वो विटामिन्स से भरपूर हो।

विटामिन-ए :
विटामिन-ए में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। सभी उम्र की महिलाओं को हड्डियों, दांत , कोमल ऊतक(Soft Tissue) , त्वचा और श्लेष्मा झिल्ली(Mucous Membranes)को मजबूत बनाने में विटामिन-ए महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। विटामिन-ए पुरानी बीमारी के खतरे को कम करता है ,दृष्टि में सुधार , उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देता है ।

विटामिन ए से भरपूर खाद्य पदार्थ:


गाजर, तरबूज , कद्दू, खुबानी, टमाटर , तरबूज, अमरूद , ब्रोकोली , गोभी, पपीता , आड़ू, लाल मिर्च, पालक , अंडे, दूध और दृढ़ अनाज

विटामिन बी-2: 
विटामिन बी-2 को राइबोफ्लेविन के रूप में भी जाना जाता है। विटामिन बी-2 अच्छे स्वास्थ्य, सामान्य वृद्धि और मेटाबोलिस्म के लिए आवश्यक है। यह झुनझुनाहट, अकड़न, चिंता, तनाव और थकान को कम करते हुए , ऊर्जा को बढ़ावा देने और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद करता है ।

विटामिन बी-2 की कमी प्रतिरक्षा प्रणाली और तंत्रिका कार्यों को प्रभावित कर सकती हैं। जिसके कारण पीली आंखेँ और जीभ, गले में खराश , मुँह के छाले, होठों का फटना, सूखे बाल, झुर्रियों और खुजली वाली त्वचा जैसी कई समस्याए उत्पन्न हो सकती है।

विटामिन बी-2 से भरपूर खाद्य पदार्थ:


अंग मांस , पनीर, दूध , दही, पत्तेदार सब्जिया, खमीर , अंडे, अनाज , साबुत अनाज, सोयाबीन, बादाम , नट और मशरूम

विटामिन बी -6:
 विटामिन बी -6, स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए एक आवश्यक विटामिन है। यह विशेष रूप से हार्मोन और मस्तिष्क के रसायनों के उत्पादन में मदद करता है और बदले में डिप्रेसन , हृदय रोग और स्मृति नुकसान(Memory loss) को कम करने में मदद करता है। यह रक्त शर्करा(Blood Sugar) के स्तर को विनियमित करने में भी मदद कर सकते हैं।

विटामिन बी-6 से भरपूर खाद्य पदार्थ:

केले , मांस , सेम , मछली, दलिया , नट , बीज, और सूखे फल

विटामिन बी-7:

यह बायोटिन के रूप में जाना जाता है। विटामिन बी-7, फैटी एसिड की कोशिकाओं के विकास और संश्लेषण के लिए आवश्यक है । यह विटामिन पसीने की ग्रंथियों , बाल और त्वचा को स्वस्थ रखता है। वास्तव में, यह बाल विकास को बढ़ावा देता है और भंगुर नाखून के इलाज में मदद करता है। इसके अलावा, विटामिन बी 7 हड्डियों के विकास और अस्थि मज्जा (Bone Marrow) के लिए आवश्यक है और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को सामान्य बनाए रखने में मदद करता है ।
यद्यपि विटामिन बी-7 की कमी बहुत दुर्लभ होती है , लेकिन यह अगर हो तो यह भंगुर बाल , चकत्ते, असामान्य दिल कामकाज , सुस्ती , एनीमिया, और हल्के अवसाद का कारण बन सकती है।

विटामिन बी-7 से भरपूर खाद्य पदार्थ:


मछली , मीठे आलू, बादाम , गाजर, केले , खरबूजा, पीले फल, हरी पत्तेदार सब्जियां , दाल , ब्राउन चावल , मिर्च , अंडा , सोयाबीन, दलिया , दूध, पनीर , दही

विटामिन बी-9:
विटामिन बी-9, हर औरत के लिए आवश्यक है और इसे फोलिक एसिड के रूप में भी जाना जाता है। यह हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, अल्जाइमर, अवसाद , कैंसर और स्मृति हानि को रोकने में मदद करता है। यह मस्तिष्क स्वास्थ्य और सेलुलर कामकाज को बढ़ाता है और गर्भावस्था के दौरान प्रजनन और भ्रूण के विकास में सुधार करता है। गर्भवती महिलाओं में विटामिन B9 की कमी न्यूरल ट्यूब नामक रोग पैदा कर सकती है।

विटामिन बी-9 से भरपूर खाद्य पदार्थ:
हरी सब्जियां, संतरे का रस, शतावरी , खरबूजे, स्ट्रॉबेरी, दृढ़ अनाज , फलियां , सेम, पोषण खमीर और अंडे

विटामिन बी-12:
एक अन्य आवश्यक विटामिन जो हर औरत खाना चाहिए विटामिन बी-12 है। यह मेटाबोलिस्म ,सामान्य कोशिका विभाजन और प्रोटीन संश्लेषण के लिए महत्वपूर्ण है। यह विटामिन हृदय रोग , याददाश्त और एनीमिया को रोकने में मदद करता है ।
यह भी अवसाद का इलाज और स्वस्थ तंत्रिका तंत्र और मस्तिष्क कामकाज को बनाए रखने में मदद करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। विटामिन बी 12 की कमी , चिड़चिड़ापन , अवसाद और भ्रम की स्थिति पैदा कर सकती है। यह जीभ और मुंह की सूजन भी पैदा कर सकती है ।

विटामिन बी-12 से भरपूर खाद्य पदार्थ:
पनीर , अंडे, मछली, मांस, दूध , दही और पौष्टिक नाश्ता

विटामिन-सी:
विटामिन-सी एक उन्मुक्ति बूस्टर के रूप में जाना जाता है और विटामिन-सी के महिलाओं के लिए कई स्वास्थ्य लाभ है। यह ऊतक विकास को बढ़ावा देता है , घाव भरने की प्रक्रिया में तेजी लाने में मदद करता है और कैंसर, हृदय रोग और ऊतकों को नुकसान के कुछ प्रकार के जोखिम को कम करता है । यह लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

विटामिन-सी से भरपूर खाद्य पदार्थ:

ब्रोकोली , पके फल, कीवी , संतरा , मिर्च, आलू, स्ट्रॉबेरी,नींबू और टमाटर

विटामिन-डी:
 विटामिन डी एक वसा में घुलनशील विटामिन है जो कैल्शियम के अवशोषण को बढ़ावा देता है और हड्डियों को मजबूत रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विटामिन डी एकाधिक काठिन्य(multiple sclerosis) , संधिशोथ(rheumatoid arthritis) और कैंसर के विभिन्न प्रकार के जोखिम को कम कर देता है ।

यह मासिक धर्म सिंड्रोम के लक्षण को कम करने और दृष्टि की रक्षा करने में भी मदद करता हैं। इस विटामिन की कमी आपकी हड्डियों को कमजोर होना और ऑस्टियोपोरोसिस का कारण बन सकती हैं।

दिन में 15 मिनट ली गयी सूर्य की रोशनी आपके शरीर को पर्याप्त विटामिन-डी की मात्रा दे सकती है। इसके अलावा, आप वसायुक्त मछली , दृढ़ दूध , जिगर और अंडे जैसे विटामिन डी से भरपूर होते हैं कि खाद्य पदार्थ खा सकते हैं।

विटामिन-ई:
विटामिन-ई में आयु संबंधी परिवर्तन और कोशिका क्षति से लड़ने के गुण होते है और उम्र बढ़ने के परिवर्तन को धीमा करती है। यह विटामिन भी हृदय रोग , मोतियाबिंद , याददाश्त और कैंसर के कुछ प्रकार को रोकने में मदद करता है ।इसके अलावा, विटामिन ई त्वचा और बालों के लिए आवश्यक है। यह अक्सर बाल और त्वचा की देखभाल के उत्पादों में इसे मिलाया जाता है।

विटामिन-ई से भरपूर खाद्य पदार्थ:
गेहूं के बीज , अखरोट, बादाम , पालक , मक्खन, अनाज, तेल, कॉड लिवर तेल, मूंगफली का मक्खन, कुसुम तेल और सूरजमुखी के बीज

विटामिन-के :
विटामिन-के सामान्य रक्त के थक्के को बनाए रखने और विभिन्न हृदय रोगों के खतरे को कम करने, मजबूत हड्डियों को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह विशेष विटामिन प्रतिरक्षा, कामकाज और ऊर्जा के लिए आवश्यक है।

विटामिन-के से भरपूर खाद्य पदार्थ:
हरी पत्तेदार सब्जियां, सोयाबीन तेल और मछली का तेल

हल्दी दे सकती आपको कफ़ से छुटकारा | हैल्थ प्लस

 कफ़ सबसे आम स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है । जब आपके गले या ऊपरी श्वास मार्ग पर कोई रुकावट या अड़चन पैदा होती है तब आपके मस्तिष्क को ये जानकारी मिलती है की वहाँ कोई चीज मौजूद है और उसे दूर करने के लिए वह तुरंत शरीर को निर्देश जारी करता है। कफ़ वायरल संक्रमण , जुकाम, फ्लू, दमा, टीबी, और फेफड़ों के कैंसर के रूप में धूम्रपान या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के कारण हो सकती है।

कफ़ के कुछ मुख्य लक्षणो में गले में दर्द, जलन ,सिने में दर्द इत्यादि हो सकते है। बजाय इसके की आप बाजार में उपलब्ध सिरप का उपयोग करें आप अपनी रसोई में ही उपलब्ध सामाग्री का उपयोग करके प्राकृतिक तौर पर कफ़ के उपचार की कोशिश कर सकते है।

हल्दी :
हल्दी का सूखी खाँसी पर विशेष रूप से
उपचारात्मक प्रभाव पड़ता है।
  • एक बर्तन में आधा कप पानी लें और उसमें एक चम्मच हल्दी और एक चम्मच काली मिर्च का डालें। आप इसमें दालचीनी का उपयोग भी कर सकते है। इसे 2 से 3 मिनट के लिए उबालिए। अब इसमें एक चम्मच शहद मिलाए। इस विधि का उपयोग तब तक करें जब तक स्थिति में सुधार नहीं हो जाता।
  • हर्बल चाय में एक चम्मच हल्दी और अजवाइन का डाल दे। इस मिश्रण को तब तक उबालें जब तक की पानी घट कर आधा नहीं एरह जाता। अब इसमें एक चम्मच शहद मिलाए। इस विधि का उपयोग दिन में 2 से 3 बार करें।
  • हल्दी की जड़ को भून ले और उसे पीस कर महीन चूरन बना ले। इस चूरन को पानी और शहद के साथ मिला कर दिन में 2 बार इस्तेमाल करें।

धरती की सबसे महंगी जगह

विश्व की सबसे महंगी जगह सरहिंद( फतेहगढ़ साहिब) पंजाब में है। इस स्थान पर गुरु गोबिन्द सिंह जी के छोटे सहब्जाद्यों और माता गुजरी जी का अंतिक संस्कार हुया था। दीवान टोडर मल ने सिर्फ 4 स्केयर मिटर जगह 78000 सोने के सिक्के जमीन पर बिछा कर खरीदी थी। दुनिया में सबसे महंगी जमीन खरीदने का रिकॉर्ड सीख धर्म के नाम दर्ज है क्योंकि आज तक किसी ने भी इतनी कम जगह इतने ज्यादा पैसे चुका कर नहीं खरीदी।

 दीवान टोडर मल एक धनी हिंदू व्यापारी था जिसने 13 दिसम्बर 1705 में मुगल स्म्राजय द्वारा दीवारों में जिंदा गाड़ कर मार दिये गुरु गोबिन्द सिंह जी के छोटे सपुत्रों जोरावर सिंह(6 वर्ष) और फतेह सिंह (9 वर्ष) तथा उनकी माता गुजर कौर के अंतिम संस्कार के लिए ये जगह मुगल सल्तनत से खरीदी थी।

अंतिम संस्कार करने के लिए ये शर्त रखी गयी थी की टोडर मल केवल उतने ही क्षेत्र पर संस्कार कर सकता है जितनी जगह पर वो सोने के सिक्के बिछा कर खरीद सकता है। इस स्थान पर अब गुरुद्वारा ज्योति स्वरूप स्थित है।

जानिए कुत्तो के आत्महत्या केंद्र के बारें में | रोचक जानकारी

क्या आप जानते है की दुनिया में एक जगह ऐसी भी है जिसे कुत्तो का आत्महत्या केंद्र माना जाता है। ये है स्कॉटलैंड का ओवेरटन ब्रिज। इस पुल का निर्माण 1895 में खत्म हुया। अध्ययनों से पता चला है कि 1950 के दशक से 1960 के दशक या उसके बाद से कई कुत्तो ने प्रति वर्ष एक की दर से इस पुल से छलांग लगाई है।
                                              50 फीट ऊंचे इस पुल की खासियत यह है की कुत्ते सिर्फ एक खास जगह से ही नीचे कूदकर आत्महत्या करते है। और ऐसा साफ मौसम के दौरान ही होता है और कूदने वाले कुत्ते सम्पूर्ण रूप से स्वस्थ होते है। इस बात का पता लगाने के लिए विशेषज्ञ, डॉ डेविड सेक्सटन,को वहाँ भेजा गया। उन्होने इस बात का कारण पता करने के लिए कई प्रयोग किए। इस काम के लिए उन्होने 19 साल के हेंड्रिक्स नामक कुत्ते को इस्तेमाल किया। कुत्ता कुछ समय के लिए तो सही चला परंतु उस खास जगह के पास पहुँचने पर किसी खास चीज ने उसका ध्यान आकर्षित किया। परंतु उसके अनुभव ने उसे कूदने नहीं दिया। विशेषज्ञों के दल ने वहाँ पूरी तरह से ध्वनि और आने वाली गंध का परीक्षण किया। परंतु उन्हे कुछ भी ऐसा नहीं मिला जिसकी उन्हे तलाश थी। पुल के नीचे जंगल में उन्होने चूहों, मिंक और गिलहरी को पाया; उनमें से किसी एक के द्वारा उत्सर्जित बदबू कारण हो सकती थी। निर्धारित करने के लिए उन्होंने 10 अलग कुत्तों पर तीन सेंट्स के परीक्षण किए । 70% कुत्ते मिंक कि खुशबू कि तरह आकर्षित हुये। और जब डॉ सैंड से ये पूछा गया कि स्कॉटलैंड में और भी 26,000 दूसरे मींक रहते है तो कुत्ते सिर्फ इसी पुल के नीचे जा कर ही उन्हे क्यों खाना चाहते है तो उनका जबाब था कि यह पुल मार्बल से बना है ओर इसकी मोटाई उस जगह 18 इंच के पास है। इस जगह आ कर उनकी देखने और सुनने कि क्षमता कम हो जाती है और ऐसी स्थिति में उनकी सुघने कि क्षमता ज्यादा काम करती है।
                                            यह पुल मानवीय त्रासदीयो का भी कारण रहा है। अक्तूबर 1994 में, केविन मोय ने अपने दो सप्ताह के बेटे को पुल से नीचे फेक दिया क्यों कि वह उसे शैतान का अवतार मानता था। उसके बाद कई बार उसने उस पुल से कूदकर आत्महत्या करने का पर्यास किया।

ये छोटी छोटी बातें बना सकती है आपकी ज़िंदगी खुशहाल | Mantras of Happy Life

हम सभी एक सुखी और खुशहाल ज़िंदगी चाहते है। हम सब को ये भी मालूम है कि सकारात्मक रवैया अपनाकर ही हम ऐसा कर सकते है। लेकिन किसी न किसी कारणवश हम नकारात्मक पक्ष की ओर खिचे चले जाते है। कैसे हम एक दैनिक आदत के रूप में और एक अधिक सकारात्मक रवैया स्थापित करने के बारे में जान सकते है? यन्हा तक कि कभी-कभी सकारात्मक रवैया के बारें में लेख लिखने वालो के लिए भी सकारात्मक रवैया अपनाना कठिन हो जाता है।
                                              इंसान अक्सर दुनिया को एक नाकारात्मक रवैये से देखता है और बुराईयो पर अपना ध्यान केन्द्रित करके सभी अच्छाईयो को नजरअंदाज करता है। और ऐसा खासकर तभी होता है जब कुछ भी वेसा नहीं होता जैसा आपने सोचा होता है। यन्हा तक कि यह मेरे लिए भी एक सकारात्मक सोच रखना एक संघर्ष सा प्रतीत हो रहा है।
आपकी ज़िंदगी में बहुत से मौड़ आते है जो आपको खुशियो की तरफ ले जा सकते है। ज़िंदगी में बहुत से उतार-चढ़ाव भी आते है। बहुत सी चुनौतिया भी आती है। बहुत से प्रेरणास्त्रोत भी आते है। और ऐसे अद्भुत अनुभव आप तभी अनुभव कर सकते है जब आपने सकारात्मक और सुखी जीवन जीने के बारें में सोच लिया हो।

खुशी एक विकल्प है।
इस बात को हमेशा ध्यान में रखे की खुशी एक विकल्प है। दुनिया में दो ही तरह के लोग है या तो सुखी या फिर दुखी। दुखी रहकर आप अपने दुख को सुख में नहीं बदल सकते। इसलिए निराशा में भी आशा ढूंढिए। ये आप पर निर्भर करता है की आप दुखी रहकर अपना बुरा वक़्त व्यतीत करते है या फिर उस बुरे वक़्त को भी खुशियों में परिवर्तित कर लेते है।

नकारात्मकता को अपने जीवन से छुटकारा दें।

यदि आप एक खुशहाल, सकारात्मक ज़िंदगी जीना चाहते है तो भी आप बहुत सी परेशानियों से गुजरते है क्यों कि आप हमेशा नाकारात्मक सोच वालें लोगो से घिरे रहते है। हमेशा सकारात्मक सोच वालें लोगो से जुड़े। वो आपकी सकारात्मक सोच को बढ़ावा देंगे।
ना केवल नाकारात्मक सोच वाले व्यक्ति बल्कि नाकारत्मक छीजो को भी त्यागे।

जीवन को सकारात्मक रूप से देखो।
हर चीज का एक सकारात्मक पहलु होता है। हर व्यक्ति में, हर परस्थिति में कुछ न कुछ अच्छा जरूर होता है। हम अक्सर इसे अनदेखा करते है परंतु हमे इसे ध्यान में रखना चाहिए।

अच्छा या बुरा हर अनुभव हुमे कुछ न कुछ सिखाता है। आप बुरे अनुभवो से भी कुछ न कुछ सीख सकते है। बस जरूरत है तो उसे उसमें से ढूंढ निकालने की। ये मुश्किल हो सकता है परंतु असंभव नहीं।

खुद में सकारात्मकता को सुदृढ़ करें।

यदि आप ने खुद में एक सकारात्मक रवैया अपनाना शुरू कर दिया तो आप देखेंगे की आप के साथ सब साकारात्मक होने लगता है। यध्यपी आपको ऐसा करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ सकती है। अपने आप के साथ हमेशा ईमानदार रहें। आप जो कुछ भी करें उसके सकारात्मक पक्ष के बारें में सोचे। अपनी ऊर्जा को नाकारात्मक सोचने के बजाय सकारात्मक सोचने में लगाए।

दूसरों के साथ खुशिया बाटें।
आपको न केवल अपने लिए बल्कि दूसरों के प्रति भी सकारात्मक रवैया अपनाना चाहिए। आपको अपनी इस सकारात्मका को पूरे विश्व के साथ बांटना है। दूसरी के चेहरे पर लायी गयी एक छोटी सी खुशी भी आपके चेहरे ,मन और हृदय में एक बड़ी मुस्कान ला सकती है

असफलता से सफलता की ओर | How to Convert Failure into Success ?

विफलता अपने आप में सफलता की ओर एक कदम है। यह एक सबक है। एक चुनौती है। एक मौका है। हम में से प्रत्येक इंसान किसी न किसी काम में कभी न कभी जरूर असफल हुया होता है चाहे वो व्यापार हो,प्यार हो कोई परीक्षा हो या फिर रिश्तो को निभाने में ही। महत्वपूर्ण बात यह है कि आप कैसे अपनी विफलताओं से सीख सकते हैं और उसे एक सकारात्मक सोच में बदलते है। ये है निराशा को आशा और असफलता को सफलता में बदलने का मूल मन्त्र:
F (Forget): भूल जाएँ।
A (Accept): स्वीकार करें।
I (Investigate): जांच करें।
L (Look): विकल्प ढूँढे।
U (Understand): समझिए।
R (Re-evaluate): फिर से आंकलन करें।
E (Entrust): फिर से कोशिश करने के लिए खुद को सौंप दें।

F (Forget): भूल जाएँ।
पिछली असफलताओ के बारें में भूल जाएँ। असफलताओ से मिली सीख को याद रखे और उस सीख को याद रख कर सफलता की और बढ़े। अपनी विफलता को याद कर कर के निराश न हो।

A (Accept): स्वीकार करें।

अपने द्वारा की गयी गल्तियो को सविकारें और पता लगाने की कोशिश करें की योजनबद्ध तरीके से काम करने के बाद भी आफ सफल क्यों नहीं हुये।

I (Investigate): जांच करें।
उन कारणो की जांच करें जो आपकी असफलता का कारण बनी। ऐसा करने से भविष्य में आप ऐसी गल्तियो को दोहराएंगे नहीं।

L (Look): विकल्प ढूँढे।
अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए वैकल्पिक तरीकों या समाधान के लिए देखो। याद रखें: थॉमस एडीसन
ने प्रकाश बल्ब की खोज करने से पहले 14,000 से अधिक असफल प्रयोग किए थे। याद रखें: दृढ़ता सफलता की कुंजी है।

U (Understand): समझिए।
इस बात को मन पर कभी भी हावी न होने दे की आप एक असफल आदमी है। अपनी कमियो और ताकतों को पहचानिए। आप ने क्या गलत किया उसे समझे। क्या व्यक्तिगत लक्ष्य स्थापित करने में आगे बढ़ने के लिए सुधार करने की जरूरत है।

R (Re-evaluate): फिर से आंकलन करें।
हर छोटे से छोटे पहलू का पुनः आंकलन करें। हो सकता है की आपको अपने उद्देशय तक पहुँचने में कुछ कार्य या कदम दूर करने की जरूरत हो। खुद के साथ ईमानदार बने रहे और निष्पक्ष सोचे। निर्धारित करें की आपका गंतव्य क्या है और कैसे आप उस तक पहुँच सकते है।

E (Entrust): फिर से कोशिश करने के लिए खुद को सौंप दें।
भले ही आप कितनी बार असफल हो अपने उद्देशय को फीका न पड़ने दे। फिर से कोशिश करने के लिए खुद को सौंप दें। सही दिया में लिया गया हर कदम आपको अपनी मंजिल तक ले जाएगा। याद रखना : यह एक मैराथन है दौड़ नहीं।

रूसी से प्राकृतिक रूप से छुटकारा | Home remedies for dandruff

रूसी एक आम खोपड़ी विकार है। यह सूखी त्वचा, तकलीफ़देह तेल , जीवाणुओं या कवक के विकास, सूजी हुयी त्वचा की स्थिति और अन्य कारकों के कारण हो सकता है। यह खोपड़ी पर सूखी त्वचा के गुच्छो के
अत्यधिक गठन के साथ -साथ खुजली का कारण भी बनता है । बालो के लिए एक स्वस्थ दिनचर्या अपना कर आप इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। कुछ सरल प्राकृतिक घरेलू उपचार की कोशिश कर सकते जो उपचार के परिणाम दिखाने के लिए समय तो लेंगे लेकिन वे प्रभावी ढंग से पूरी तरह समस्या का इलाज कर सकते हैं।   
  
नीम के पत्ते:
नीम कि पत्तिया न केवल रूसी से छुटकारा पाने में आपकी मदद करी है बल्कि बालों से संबन्धित अन्य समस्याओ जैसे कि बालों का झड़ना, सिर पर होने वाले मुहांसों और सिर पर होने वाली जलन इत्यादि को भी कम करने में मदद करती है।

पानी के चार कप में नीम के पत्तों का एक मुट्ठी उबाल लें। मिश्रण को ठंडा होने पर छान ले। इस काढ़े का प्रयोग
बालों को धोने के लिए एक हफ्ते में दो से तीन बार इस्तेमाल करें।

नारियल का तेल:
नारियल तेल अपने रोधी गुण की वजह से रूसी खत्म करने में मदद करता है। यह सूखी खोपड़ी को नमी प्रदान करके खुजली से राहत देता है ।कुछ नारियल तेल ले और उस में नींबू के रस की आधी राशि मिश्रित करें। इस मिश्रण कि कुछ मिनटो तक अपनी खोपड़ी पर मालिश करें। इस उपाय का उपयोग सप्ताह में दो से तीन बार करें।

सेब का सिरका:
सी से छुटकारा प्राप्त करने में सेब का सिरका एक प्रभावी उपचार है। खोपड़ी के पीएच(pH) संतुलन को पुनर्स्थापित करता है और खमीर के विकास को रोकता है। यह भी एक प्राकृतिक बाल विशुद्धक के रूप में काम करता है और बालों के रोम साफ करने में मदद करता है।सेब के सिरके के दो बड़े चम्मच ले और एक समान पानी की मात्रा के साथ चाय के पेड़ के तेल की 15-20 बूंदों मिलाएं। कुछ समय इसे अपनी खोपड़ी पर रगड़े और फिर पानी से इसे धो दें। इस उपाय का उपयोग सप्ताह में दो से तीन बार करें।

बेकिंग सोडा:
बेकिंग सोडा मृत त्वचा कोशिकाओं को हटाने में मदद करता है और अतिरिक्त तेल को सोख लेता है। यह भी खोपड़ी के पीएच लेवेल को संतुलित करके ,कवक के विकास को कम करता है जो जी रूसी का मुख्य कारण है।

अपने बालों पर गरम पानी डालने के बाद एक मुट्ठी बेकिंग सोडा लेकर अपने सिर पर रगड़े। कुछ देर के बाद गर्म पानी से बालों को अच्छी तरह से धो ले। इस उपाय का उपयोग भी आप सप्ताह में दो से तीन बार करें।

नोट: इस उपाय के बाद कृपया शैम्पू का उपयोग न करें।

सफेद सिरका :
सफेद सिरका रूसी के लिए सबसे अच्छे घरेलू उपचरो में से एक है । सिरके में मौजूद एसिटिक सिर पर कवक के विकास को रोकता है और खुजली से राहत मिलती है। दो कप पानी में आधा कप सफ़ेद सिरका डालें। अपने बालों को शैम्पू करने के बाद इस मिश्रण से धो दें।
             एक अन्य विकल्प में दो भाग सफेद सिरका , एक भाग जैतून का तेल और तीन भाग पानी का मिश्रण के साथ अपने सिर की मालिश करें। इसे 10 मिनट तक अपने सिर पर रखने के बाद किसी हल्के शैम्पू से इसे धो दें। एक सप्ताह में एक से दो बार इन उपायों में से किसी एक का पालन करें।

जैतून का तेल :
जैतून के तेल का इस्तेमाल एक प्रभावी प्राकृतिक मॉइस्चराइज़र के रूप में करके आप खोपड़ी के सूखेपन को कम कर सकत है।
जैतून के तेल को हल्का गर्म करें और अपनी खोपड़ी पर इसे रगड़े और फिर एक गर्म तौलिया में अपने बालों को लपेट लें। इसे कम से कम 45 मिनट या पूरी रात के लिए छोड़ दें और शैम्पू की मदद से धो लें। एक सप्ताह में इस उपाय को कई बार दोहराएँ।

मेथी के दाने:
मेथी के दानो के 2-3 बड़े चम्मच ले कर इसे पूरी रात पानी में भीगने के लिए छोड़ दें। सुबह मेथी के दानो को पानी से निचोड़ ले और उन्हे पीस कर एक पेस्ट तैयार कर ले। इस पेस्ट को अपनी खोपड़ी पर लगाए और कुछ घंटो के लिए छोड़ दे। उसके बाद शैम्पू के इस्तेमाल से इसे धो दे । दें। एक सप्ताह में एक से दो बार इस उपाय का पालन करें।


इन उपायो का उपयोग करते हुये धैर्य रखे। आप अपनी सुविधा अनुसार किसी एक उपाय का उपयोग कर सकते है।

आइए जाने नींबू का उपयोग करके हम कौन-कौन सी स्वास्थ्य समस्याओ से छुटकारा पा सकते है और कैसे?

हमने अक्सर स्वास्थय विशेषज्ञो को ये कहते सुना है की सुबह के समय हल्के गर्म पानी में नींबू का रस डाल कर पीने से स्वास्थ्य पर बहुत लाभ होता है क्यों की :
  • पानी आपके शरीर को हाइड्रेटड रखने का सबसे अच्छा तरीका है और यह हानिकारक विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकलवाने में मदद करता है ।
  • नींबू कई पोषक तत्वों जैसे कैल्शियम , पोटेशियम, मैग्नीशियम , आयरन और विटामिन ए, सी और बी कॉम्प्लेक्स के साथ ही पेक्टिन फाइबर , प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट का अच्छा स्रोत है। नींबू में मौजूद साइट्रिक एसिड,मजबूत जीवाणुरोधी ,एंटीवायरल और प्रतिरक्षा बढ़ाने वाली शक्तियां भी स्वस्थ रखने में मदद करती है।

आसानी से लाभ लेने के लिए, सिर्फ शुद्ध, गुनगुने पानी का एक गिलास में आधा नींबू का रस निचोड़े। यदि आप चाहे तो इसमें थोड़ा सा शहद भी मिला सकते है। इसे सुबह खाली पेट पिये और लगभग 30 मिनट के बाद ही नाश्ता करें।

पाचन शक्ति बढ़ाता है :
नींबू में कई घटक स्वस्थ पाचन के लिए आवश्यक अधिक पित्त(bile) का उत्पादन करने के लिए आपके लीवर को प्रोत्साहित करते है। इसके अलावा, नींबू शरीर से अवांछित सामग्री और विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर करने में पाचन तंत्र की सहायता करता है। दैनिक गर्म नींबू पानी का एक गिलास उबकाई और सूजन के रूप में अपच के लक्षणों को राहत देने में मदद करता है । इसके अलावा यह कब्ज और डायरिया से भी बचाता है। अमेरिकन कैंसर सोसायटी अक्सर मल त्याग को प्रोत्साहित करने में मदद करने के लिए कैंसर के रोगियों को यह स्वस्थ पेय पीने की सलाह देती है।

वजन घटाने के लिए:
यदि आप अपने वजन को कम करना चाहते है तो एक गिलास गरम पानी में आधा नींबू निचोड़ ले और उसमें शहद डाल कर उसका सेवन करें। नींबू में पेक्टिन फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है जो भूख की प्रबल इच्छा से लड़ने में मदद करता है और आप एक लंबे समय के लिए तृप्त महसूस करते है। इसके अलावा , गर्म पानी , शहद और नींबू के संयोजन से आपके पेट में अधिक क्षारीय वातावरण बनता है जो आपको तेजी से वजन कम करने में सहायता प्रदान करता है।

त्वचा को साफ करने के लिए :
दैनिक गरम नींबू पानी का उपयोग आपकी त्वचा की उपस्थिति में भी एक बड़ा फर्क ला सकता है। यह रक्त को शुद्ध करने में मदद करता है और नई रक्त कोशिकाओं के विकास को प्रोत्साहित करता है। इसके अलावा, नींबू में मौजूद विटामिन-सी व अन्य एंटीऑक्सीडेंट झुर्रियाँ और दाग धब्बे से त्वचा को मुक्त रखने में मदद करते है

प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार :
गरम नींबू पानी आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को भी बढ़ाता है। नींबू में मौजूद विटामिन-सी आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ा कर सर्दी और जुखाम से लड़ने में आपकी सहायता करता है। इसके अलावा, नींबू लोहे(Iron) को अवशोषित करने की शरीर की क्षमता को बढ़ाता है जो की स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है।

मुह से आने वाली दुर्गंध को कम करने के लिए:
नींबू की अम्लीय प्रकृति शहद और पानी के औषधीय गुणों के साथ संयुक्त होकर मुह से आने वाली बदबू को खत्म करने में मदद करती है। यह मुंह को शुद्ध करके लार के उत्पादन को सक्रिय करता है तथा गंध पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मारता है। यह आपके मुह में रात के समय जमने वाली सफ़ेद परत से छुटकारा पाने में भी आपकी मदद करता है। ये परत बैक्टीरिया और भोजन के टुकड़ो से मिलकर बनती है जो आपके मुह से आने वाली बदबू का मुख्य कारण है।

पीएच (pH) स्तर का संतुलन :
नींबू शरीर के लिए सबसे अच्छा खाद्य पदार्थों में से एक है जिसमें दोनों साइट्रिक और एस्कॉर्बिक एसिड होते है और ph स्तर को बनाए रखने में मदद करते है। अच्छा पीएच स्तर होना आवश्यक है क्यों कि शरीर में बहुत अधिक अम्लता उत्तेजक हो सकती है। सुबह खाली पेट नियमित रूप से नींबू पानी पीने से सहित शरीर में समग्र अम्लता को हटाने में मदद मिलती है। इसके अलावा यह यूरिक एसिड को भी हटाने में मदद करता है जो कि जोड़ों के दर्द और सूजन के मुख्य कारणों में से एक है।

ऊर्जा को बढ़ाता है:
नींबू में मौजूद पौष्टिक तत्व जैसे विटामिन बी और सी , फास्फोरस, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट इत्यादि नींबू को एक प्राकृतिक स्फूर्तिदायक एजेंट बनाते हैं। और ये सब आपको ताज़ा और हाइड्रेटेड रखने में मदद करते है।
इसके अलावा नींबू में नेगेटिवली चार्जड आयन ज्यादा होते है जो पाचन तंत्र में प्रवेश करते ही तुरंत ऊर्जा प्रदान करते है। इसके अलावा, नींबू की खुशबू में मनोदशा बढ़ाने और स्फूर्तिदायक गुण है।

गले के संक्रमण के इलाज के लिए:
नींबू के जीवाणुरोधी गुण गले में संक्रमण, गले में खराश और टॉन्सिल्स से संबंधित समस्याओं से लड़ने में
सहायता करता है। यह स्वस्थ पेय अस्थमा जैसी सांस की समस्याओं को रोकने में भी मदद करता है । आप यदि गले में खराश से परेशान है तो उपचार प्रक्रिया को तेज करने के लिए इस स्वस्थ पेय का इस्तेमाल आप बार-बार कुल्ला करने के लिए कर सकते है।

उच्च रक्तचाप को कम करने के लिए:
उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों के इस स्वस्थ पेय को पीने से काफी फायदा हो सकता है। यह लसीका प्रणाली (lymphatic system) को साफ करने में मदद करता है और आपको हाइड्रेटेड रखता है। नींबू में उच्च पोटेशियम सामग्री भी है जो आपको बेहतर नींद में मदद करता है , तनाव को कम करता है और बदले में रक्तचाप को सामान्य श्रेणी में रखने में मदद करता है।

मूत्र पथ को साफ करता है :
गर्म नींबू पानी मूत्र पथ को साफ करने में मदद करता है और मूत्र के उत्पादन को प्रोत्साहित करता तथा बैक्टीरिया के प्रसार को हतोत्साहित करता है। नींबू में मौजूद साइट्रिक एसिड संक्रमण से मूत्र मार्ग को मुक्त रखता है। लगातार UTIs ( मूत्र मार्ग में संक्रमण ) से पीड़ित महिलाओं के लिए यह बहुत उपयोगी सिद्ध होता है। बेहतर स्वास्थ्य और ऊर्जा के लिए, आपको इसे दैनिक दिनचर्या का एक अनिवार्य हिस्सा बनाना चाहिए।

जानिए कैसे बढ़ाए प्राकृतिक रूप से स्मरण शक्ति | How to increase memory power

प्राचीन अवधारणा थी की मनुष्य का मस्तिष्क वयस्कता के दौरान अधिक स्मरण शील होता है और उम्र के बढ़ने के साथ साथ ये कम होता जाता है और मनुष्य की स्मरण शक्ति कम होने लगती है। परंतु अब ये ज्ञात हो चुका है की हमारी आधुनिक जीवन शैली हमारी स्मरण शक्ति बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। दूसरा पहलू यह भी सच है की आपकी दैनिक जीवन शैली आपके मस्तिष्क को नए न्यूरॉन्स पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करती है। इस प्रक्रिया को न्यूरोजेनेसिस के रूप में जाना जाता है।


हिप्पोकैम्पस(Hippocampus), जो की मस्तिष्क का स्मृति केंद्र है नई कोशिकाओं को विकसित करने के लिए विशेष रूप से सक्षम है। हिप्पोकैम्पस अपने पूरे जीवन भर (यहां तक ​​कि अपने 90 के दशक में भी ) नई कोशिकाओं का पुन: निर्माण करता रहता है बशर्ते आप ऐसा करने के लिए उसे उपयुक्त उपकरण दे। और अच्छी खबर है ये है की ये "उपकरण" मुख्य रूप से आपकी जीवन शैली पर आधारित है। बिना किसी महंगे इलाज के आप अपनी स्मरण शक्ति को बढ़ा सकते है।

सही खाना खाएं :
खाना जो आप खाते है और जो आप नहीं खाते है आपकी स्मरण शक्ति पर गंभीर प्रभाव डालता है। ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियों का इस्तेमाल अपने भोजन में करें। ओमेगा-3 वसा और ओमेगा -6 वसा दोनों में सही अनुपात रखना जरूरी है । क्रिल्ल का तेल(Krill Oil)और मछली के तेल का उपयोग करके आप ओमेगा-3 वसा का ऑक्सीकरण रोक सकते है जो की दिमाग के स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है।
नारियल का तैल भी दिमाग के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होता है। सिर्फ 2 चम्मच लगभग 35mm नारियल का तैल ही आपको मध्यम श्रृंखला ट्राइग्लिसराइड्स(MCT) के 20 ग्राम के बराबर आपूर्ति करता है और मस्तिष्क से संबन्धित रोगो को दूर करने में क्षमता प्रदान करता है।


व्यायाम:
व्यायाम मस्तिष्क को अपनी अधिकतम क्षमता पर काम करने के लिए प्रोत्साहित करता है। इसके अलावा यह तंत्रिका कोशिकाओं को मजबूती से जुड़े रहने और नुकसान ग्रस्त होने से उनकी रक्षा करता है। अभ्यास के दौरान तंत्रिका कौशिकाए प्रोटिन्स छोड़ती है जिसे न्यूरोट्रोफिक(Neurotrophic) कारक के रूप में जाना जाता है।

2010 में न्यूरोसाइंस में प्रकाशित एक अध्ययन में भी यह बात सामने आई थी की व्यायाम न केवल दिमाग में रक्त के प्रभाव को तेज करता है बल्कि नए कार्यो को व्यायाम न करने वाले व्यक्तियों की तुलना में जल्दी समझने में भी मदद करता है।

मल्टीटासकिंग काम बंद करें :
अनुसंधान बताते है की जानकारी का एक टुकड़ा आपके दिमाग की स्मृति में पहुँचने के लिए लगभग 8 सेकेंड्स का समय लेता है। इसी लिए जब आप फोन पर बात करते हुये अपनी चाबी कहीं रख देते है तो आपको पता ही नहीं चलता की आपने उसे कहाँ रखा था। यदि आप के पास 4-5 काम करने के लिए है तो पहले आप एक काम को खतम करें और फिर दूसरा। ऐसा करने से आपकी एकाग्रता बनी रहेगी और काम भी अच्छे से हो पाएगा।

रात को एक अच्छी नींद लें :
5-6 घंटे की नींद आपके दिमाग को आराम पहुंचा सकती है और आपके मस्तिष्क को अगले दिन के लिए तैयार कर सकती है। आपने इस बात का अक्सर अनुभव किया होगा की छोटा बच्चा जितना अधिक सोता है उसकी स्मरण शक्ति उतनी अच्छी होती है और वो तेजी से सब सीखता है। ये बात व्यस्को पर भी लागू होती है। दिन में 5 मिनट ली गयी झपकी भी आपके दिमाग को रीचार्ज कर सकती है।

मस्तिष्क से संबन्धित खेल खेलें:
यदि आप अपने मस्तिष्क को आश्चर्यजनक चुनौतिया नहीं देते तो आपका मस्तिष्क खराब होने लगता है। दिन में कम से कम 20 मिनट दिमाग को ऐसी गेम्स खेलने में जरूर लगाए परंतु किसी भी काम को 5-7 मिनट से ज्यादा न दें। यदि आप ऐसा करने के लिए ज्यादा समय देंगे तो इसके विपरीत प्रभाव पड़ने शुरू हो जाएंगे।
यदि आपको गेम्स खेलना पसंद नहीं तो भी आप एक नए कौशल या शौक को सीखने की कोशिश कर सकते हैं।

जानिए कैसे बढ़ाए एण्ड्रोयड फोन का बैटरी बैकअप | How to improve andriod phone battery backup

आधुनिक एण्ड्रोयड फोन अपने आप में तकनीक का एक बेहतरीन नमूना है। बस या ट्रेन की बूकिंग करने से लेकर घर का राशन खरीदने तक का काम आप इनकी मदद से बड़ी आसानी से कर सकते है। परंतु दुर्भाग्य से अभी तक कोई ऐसा फोन नहीं बना जो आपको लाइफटाइम बैटरी बैकअप दे सके। पावरफूल प्रोसेसेर्स ,बड़ी स्क्रीन और बहुत से ऐसे सॉफ्टवेर जो बैक्ग्राउण्ड में काम करते है आपकी बैटेरी की लाइफ निर्धारित करते है। अपने हैंडसेट का बैटरी बैकअप बढ़ाने के लिए इन सुझावों का प्रयास करें:

सबसे ज्यादा बैटरी कौन उपयोग कर रहा है?
बैटरी लाइफ को बढ़ाने का सबसे पहला उपाय है ये पता लगाना की कौन सी एप्लिकेशन बैटरी को सबसे ज्यादा उपयोग कर रही है। यदि वो एप्लिकेशन आप के काम की नहीं है तो आप उसे बंद कर सकते है।

अपनी सभी एप्स को मेनुयल अपडेट पर सेट करें:

ऐसा करने से केवल वही एप्स अपडेट होंगे जिन्हे आप करना चाहते है। आपने अक्सर देखा होगा की जैसे ही आप इंटरनेट ऑन करते है आप के फोन पर बहुत से संदेश या अपडेट्स आना शुरू हो जाते है। ये भी आपकी बैटरी बैकअप को कम करते है।

उपयोग में ना आने वाले हार्डवेयर को बंद रखे:
यदि आप वाई-फ़ाई ,ब्लूटूथ या फिर जीपीएस का इस्तेमाल बहुत कम करते है तो इन सभी हार्डवेयर को बंद रखें और जरूरत पड़ने पर ही ऑन करें।

पावर सेविंग मोड का करें इस्तेमाल:
अपने फोन को पावर सेविंग मोड़ पर सेट करें। ऐसा करने से आपके फोन में पावर कंज्यूमशन कम हो जाती है।

एनिमेटेड वालपेपर का इस्तेमाल न करें:
अपनी होम स्क्रीन या फिर स्क्रीन सेवर पर किसी भी प्रकार की एनिमेटेड वालपेपर या पिक्चर का इस्तेमाल न करें।

स्क्रीन ब्राइटनेस को कम रखें:
ऐसा करने से न केवल आपकी बैटरी सेव होगी बल्कि आपकी आँखों पर पड़ने वाले असर भी कम होंगे।

सिगनल पर रखे ध्यान :
यदि आप किसी ऐसी कंपनी का सिम इस्तेमाल कर रहे है जिसकी नेटवर्क रेंज आपके क्षेत्र में कम है तो आपका फोन बहुत से बैटरी केवल सिगनल को ढूँढने में ही व्यर्थ कर देगा।

फोन को चार्जिंग के दौरान न करें इस्तेमाल:
फोन को चार्जिंग के दौरान इस्तेमाल न करें। यदि आप ऐसा करते है तो आप ने ये भी महसूस किया होगा की आपका फोन अत्यंत गरम हो जाता है। ये दुर्घटना का कारण भी बन सकता है।

आयरन की कमी ? जानिए कौन कौन से है लक्षण | Iron Deficiency

यदि आप बहुत जल्दी थकान महसूस कर रहे है या फिर अपने शरीर को कम ऊर्जात्मक महसूस कर रहे है। ये सब लक्षण आपके शरीर में आयरन की कमी के कारण हो सकते है। पुरुषो की अपेक्षा यह समस्या महिलाओ में अधिक पायी जाती है। आप अनिमिया की समस्या ते तभी ग्रसित होते है जब आपके शरीर में हीमोग्लोबिन बनाने के लिए प्र्याप्त आयरन नहीं होता। हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं का सबसे महत्वपूर्ण घटक है और आपके शरीर में ऑक्सीजन के लिए एक परिवहन प्रणाली की तरह कार्य करता है। यदि आपके शरीर में आयरन की मात्रा सही नहीं है तो लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या कम होने लगती है और आपको थकान और सांस से जुड़ी कई समस्याए शुरू होने लगती है। अधिक लौह युक्त खाद्य पदार्थ खाने से आप एनीमिया के इलाज में मदद कर सकते हैं। आयरन की कमी के कारणो में दवाओ या सर्जरी के दुष्प्रभाव, लाल रक्त कोशिकाओ का कम बनना या फिर रक्त का अधिक बहाव शामिल हो सकते है।
आप आयरन की कमी के शिकार हो सकते है यदि आप अपने शरीर में ये निम्नलिखित लक्षण महसूस करते है:

मिट्टी खाने की इच्छा :

यदि आप बच्चो की तरह मिट्टी खाना पसंद करते है तो आप में आयरन की कमी हो सकती है। शोधकर्ता को अभी भी इस बात पर पक्का यकीन नहीं हैं कि गंभीर लोहे की कमी के साथ लोगों को अक्सर मिट्टी, मकई स्टार्च , रंग चिप्स , गत्ता, चाक जैसे गैर- खाद्य वस्तुओं की लालसा हो सकती है। इस अवस्था को पीका(Pica) के नाम से जाना जाता है। इस समस्या का पता लगाना बहुत कठिन होता है क्योंकि लोग अक्सर ये बताने से कतराते है की उन्हे ऐसी चीजे खाने की आदत है।

कमजोर और भंगुर नाखून:
आपके नाखून आपके शरीर में होने वाली कई समस्याओं को दर्शा सकते है जैसे कि आपके शरीर में खून कि कमी है या नहीं। यदि आप अपने नाखूनो पर गढ़े पड़ना या फिर भंगुरता महसूस करते है तो यह आपके शरीर में आयरन कि कमी के संकेत हो सकते है।

फटे होंठ:

होंठो का फटना भी आपके शरीर में आयरन कि कमी का कारण हो सकता है। ये समस्या इतनी ज्यादा हो सकती है कि आप खाना खाने, हंसने यन्हा तक कि बात करने में भी बहुत परेशानी महसूस करते है। कोणीय सृक्कशोथ (angular cheilitis) से पीड़ित लोगों के एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने इस समस्या का मुख्य कारण 35% रोगियों में आयरन कि कमी पाया।

जीभ में सूजन :
आयरन कि कमी के लक्षणो में जीभ का सूजना भी एक अहम लक्षण है। इस स्थिति में आपकी जीभ पर से थक्के गायब होने लगते है और आपकी जीभ एकदम चिकनी हो जाती है।

बर्फ खाने के लिए मन का मचलना :
ये समस्या भी आयरन की कमी का कारण हो सकती है। इसका मुख्य कारण आपकी जीभ में सूजन हो सकती है जो बर्फ खाने पर आराम महसूस करती है।



पैरो में झनझनाहट :
यदि आप कुर्सी पर बैठने के बाद उठने का प्र्यतन करते है और अपने पैरो में झुंझुनाहट महसूस करते है तो ये लक्षण आयरन की कमी का हो सकता है।

यदि आप ऊपर लिखित किसी भी लक्षण को महसूस करते है तो किसी चिकित्सक की सहायता एवं परामर्श अवशय ले