भारत में शायद कोई ही ऐसा व्यक्ति हो जिसे करेला कड़वा होने के बावजूद पसंद न हो। भरवे करेले (Bitter Gourd) का नाम सुनते ही मुह में पानी आ जाता है। भारत में करेले (Bitter Gourd) का अधिकतर इस्तेमाल सब्जी के रूप में ही किया जाता है। लेकिन आज आपको बताते है की करेला खाने के कितने अधिक स्वास्थ्य लाभ है और इसका इस्तेमाल कौन-कौन से तरीके से किया जा सकता है। आप करेले का इस्तेमाल जूस की तरह भी कर सकते है। करेले के साथ साथ इसके पत्तों का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
श्वसन समस्याओं के लिए
करेला अस्थमा, सर्दी, खाँसी, आदि जैसे श्वसन समस्याओं का इलाज करने के लिए एक उत्कृष्ट उपाय है। इसके लिए आप करेले (Bitter Gourd) के पत्तों और तुलसी के पत्तों का पेस्ट बना ले और सुबह के समय शहद के साथ इसका सेवन करें। (1)
लिवर टॉनिक के रूप में
करेले (Bitter Gourd) के जूस का एक गिलास प्रतिदिन पीने से आप लिवर से संबन्धित किसी भी समस्या से छुटकारा पा सकते है। (2)
प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए
प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए करेले (Bitter Gourd) के पत्तों या फिर करेले (Bitter Gourd) को पानी में उबाल ले। इस पानी का नियमित तौर पर इस्तेमाल करें। यह संक्रमण के खिलाफ लड़ने तथा आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने रखने में आपकी मदद करेगा। (3)
त्वचा संक्रमण से छुटकारा पाने के लिए
मुहासों, त्वचा संक्रमण से छुटकारा पाने के लिए भी आप करेले (Bitter Gourd) का नियमित रूप से इस्तेमाल कर सकते है। करेला खून विकारों जैसे फोड़े, खुजली, दाद इत्यादि रोगों के इलाज में उपयोगी है। इसके साथ साथ यह आपको जवान बनाए रखने में भी मदद करता है। 6 महीने या फिर जब तक आप वांछित परिणाम प्राप्त न कर ले नींबू के जूस के साथ करेले (Bitter Gourd) के जूस का मिश्रण सुबह खाली पेट इस्तेमाल करें। (4)
मधुमेह के इलाज़ के लिए मधुमेह के इलाज़ के लिए
करेले (Bitter Gourd) का इस्तेमाल भारत तथा चीन में सदियो से किया जा रहा है। करेले (Bitter Gourd) से टाइप 2 डायबिटीज पर काबू पाने में मदद मिलती है। टाइप 2 मधुमेह का मुख्य कारण इंसुलिन की कमी के कारण सेल्स द्वारा शर्करा को अवशोषित न कर पाना या इंसुलिन के प्रतिरोध के विकास है। इन दोनों ही स्थितियो में सेल्स शर्करा को अवशोषित नहीं कर पाते। कोशिकाओं में शर्करा का अवशोषण एएमपी-सक्रिय(AMP-Activated) प्रोटीन कीनेज(Kinase) द्वारा होता है। करेला कीनेज को बढ़ावा दे कर शर्करा के अवशोषण को नियंत्रित करता है। और शर्करा के स्तर को संतुलित बनाए रखने में मदद मिलती है। (5)
कब्ज से छुटकारा पाने में
फाइबर के कारण करेला कब्ज से छुटकारा पाने में भी आपकी मदद करता है। इससे भोजन अच्छी तरह से पच जाता है और कचरे को शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है। जो अपच और कब्ज संबंधी समस्याओं को ठीक करने में मदद करता है। (6)
गुर्दे की पथरी पैदा होने के जोखिम को कम करने में
गुर्दे की पथरी पैदा होने के जोखिम को कम करने में भी करेले (Bitter Gourd) का इस्तेमाल किया जा सकता है। लैंगोन मेडिकल सेंटर के मुताबिक अगर आप मोटापे से ग्रस्त हो तो पत्थरी को विकसित करने की संभावना बढ़ जाती है। करेले के 124 ग्राम में केवल 21 कैलोरी ही पाये जाते है। इस तरह आप करेले का सेवन करके अपने वजन को नियंत्रित करके गुर्दे की पथरी पैदा होने के जोखिम को कम कर सकते है। (7)
हृदय एवं रक्त के लिए
हृदय एवं रक्त के लिए भी करेला कई तरह से उपयोगी है। यह कोलेस्ट्रॉल लेवेल को नियमित बनाए रखता है जिसके कारण धमनियो में रक्त का थक्का पैदा नहीं होता और हृदय घात (Heart Attack) होने के जोखिम कम करता है। (8)
कैंसर के इलाज में
करेले का इस्तेमाल कैंसर के इलाज में भी किया जाता है। करेला कैंसर ग्रसित कोशिकाओ के विकास को रोकता है। एक शोध में यह पाया गया की जिन लोगो ने करेले के जूस का सेवन किया उनमें कैंसर ग्रसित कोशिकाओ के विकास में लगभग 60% की पायी गयी। (9)
वजन को कम करने
वजन को कम करने के लिए भी करेले का सेवन किया जा सकता है। करेले में मौजूद एंटीओक्सीडेंट्स शरीर से विषाक्त पदार्थो को बाहर निकालने में मदद करते है। फलवरूप हमारा मेटाबोलिस्म एवं पाचन तंत्र स्वस्थ होता है और वजन कम करने में मदद मिलती है। इसके अलावा 124 ग्राम करेले से केवल 21 केलोरीस ही मिल पाती है। परिणाम स्वरूप हम ज्यादा खाने के बाद भी वजन को नियंत्रित रख सकते है। इसके अलावा करेले में पानी की अधिक मात्रा पायी जाती हे। और हम सभी ये अच्छी तरह से जानते हे की पानी भूख को दबाने का काम करता हे और हम अधिक खाने से बच जाते है। करेले का 80-85% भाग केवल पानी होता है। (10)
शरीर को ऊर्जावान बनाए रखने में
करेले के जूस का नियमित सेवन शरीर को ऊर्जावान बनाए रखने में मदद करता है। स्थिरता और ऊर्जा के स्तर के बढ्ने के कारण आप अच्छी नींद का आनंद उठा सकते है। (11)
त्वचा के बचाव में
त्वचा के बचाव में भी करेला महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। त्वचा को कई तरह के संक्रमण से बचाने,त्वचा को चमकदार बनाए रखने, घावो के जल्दी भरने, चेहरे की लकीरों को कम करने, त्वचा को सन बर्निंग से बचाने इत्यादि में मददगार है।(12)
बालों के लिए
करेले और करेले के जूस का इस्तेमाल आप बालों को चमकदार बनाने, रूसी से छुटकारा पाने, उलझे और बेजान बालों से मुक्ति पाने, तथा बालों के झड़ने की समस्या को कम करने के लिए भी कर सकते है।(13)
नोट: यद्धयपी करेला स्वस्थ्य के लिए लाभप्रद है परंतु फिर भी इसका इस्तेमाल अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए यह हानिकारक हो सकता है। गर्भवती महिलाओ को इसका सेवन कम करना चाहिए क्यों की यह उनमें प्रसव पीड़ा का कारण बन सकता है। इसके अलावा मधुमेह रोगियो को भी इसका सेवन केवल चिकित्सक से परामर्श करने के पश्चात ही करना चाहिए।
श्वसन समस्याओं के लिए
करेला अस्थमा, सर्दी, खाँसी, आदि जैसे श्वसन समस्याओं का इलाज करने के लिए एक उत्कृष्ट उपाय है। इसके लिए आप करेले (Bitter Gourd) के पत्तों और तुलसी के पत्तों का पेस्ट बना ले और सुबह के समय शहद के साथ इसका सेवन करें। (1)
लिवर टॉनिक के रूप में
करेले (Bitter Gourd) के जूस का एक गिलास प्रतिदिन पीने से आप लिवर से संबन्धित किसी भी समस्या से छुटकारा पा सकते है। (2)
प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए
प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए करेले (Bitter Gourd) के पत्तों या फिर करेले (Bitter Gourd) को पानी में उबाल ले। इस पानी का नियमित तौर पर इस्तेमाल करें। यह संक्रमण के खिलाफ लड़ने तथा आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने रखने में आपकी मदद करेगा। (3)
त्वचा संक्रमण से छुटकारा पाने के लिए
मुहासों, त्वचा संक्रमण से छुटकारा पाने के लिए भी आप करेले (Bitter Gourd) का नियमित रूप से इस्तेमाल कर सकते है। करेला खून विकारों जैसे फोड़े, खुजली, दाद इत्यादि रोगों के इलाज में उपयोगी है। इसके साथ साथ यह आपको जवान बनाए रखने में भी मदद करता है। 6 महीने या फिर जब तक आप वांछित परिणाम प्राप्त न कर ले नींबू के जूस के साथ करेले (Bitter Gourd) के जूस का मिश्रण सुबह खाली पेट इस्तेमाल करें। (4)
मधुमेह के इलाज़ के लिए मधुमेह के इलाज़ के लिए
करेले (Bitter Gourd) का इस्तेमाल भारत तथा चीन में सदियो से किया जा रहा है। करेले (Bitter Gourd) से टाइप 2 डायबिटीज पर काबू पाने में मदद मिलती है। टाइप 2 मधुमेह का मुख्य कारण इंसुलिन की कमी के कारण सेल्स द्वारा शर्करा को अवशोषित न कर पाना या इंसुलिन के प्रतिरोध के विकास है। इन दोनों ही स्थितियो में सेल्स शर्करा को अवशोषित नहीं कर पाते। कोशिकाओं में शर्करा का अवशोषण एएमपी-सक्रिय(AMP-Activated) प्रोटीन कीनेज(Kinase) द्वारा होता है। करेला कीनेज को बढ़ावा दे कर शर्करा के अवशोषण को नियंत्रित करता है। और शर्करा के स्तर को संतुलित बनाए रखने में मदद मिलती है। (5)
कब्ज से छुटकारा पाने में
फाइबर के कारण करेला कब्ज से छुटकारा पाने में भी आपकी मदद करता है। इससे भोजन अच्छी तरह से पच जाता है और कचरे को शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है। जो अपच और कब्ज संबंधी समस्याओं को ठीक करने में मदद करता है। (6)
गुर्दे की पथरी पैदा होने के जोखिम को कम करने में
गुर्दे की पथरी पैदा होने के जोखिम को कम करने में भी करेले (Bitter Gourd) का इस्तेमाल किया जा सकता है। लैंगोन मेडिकल सेंटर के मुताबिक अगर आप मोटापे से ग्रस्त हो तो पत्थरी को विकसित करने की संभावना बढ़ जाती है। करेले के 124 ग्राम में केवल 21 कैलोरी ही पाये जाते है। इस तरह आप करेले का सेवन करके अपने वजन को नियंत्रित करके गुर्दे की पथरी पैदा होने के जोखिम को कम कर सकते है। (7)
हृदय एवं रक्त के लिए
हृदय एवं रक्त के लिए भी करेला कई तरह से उपयोगी है। यह कोलेस्ट्रॉल लेवेल को नियमित बनाए रखता है जिसके कारण धमनियो में रक्त का थक्का पैदा नहीं होता और हृदय घात (Heart Attack) होने के जोखिम कम करता है। (8)
कैंसर के इलाज में
करेले का इस्तेमाल कैंसर के इलाज में भी किया जाता है। करेला कैंसर ग्रसित कोशिकाओ के विकास को रोकता है। एक शोध में यह पाया गया की जिन लोगो ने करेले के जूस का सेवन किया उनमें कैंसर ग्रसित कोशिकाओ के विकास में लगभग 60% की पायी गयी। (9)
वजन को कम करने
वजन को कम करने के लिए भी करेले का सेवन किया जा सकता है। करेले में मौजूद एंटीओक्सीडेंट्स शरीर से विषाक्त पदार्थो को बाहर निकालने में मदद करते है। फलवरूप हमारा मेटाबोलिस्म एवं पाचन तंत्र स्वस्थ होता है और वजन कम करने में मदद मिलती है। इसके अलावा 124 ग्राम करेले से केवल 21 केलोरीस ही मिल पाती है। परिणाम स्वरूप हम ज्यादा खाने के बाद भी वजन को नियंत्रित रख सकते है। इसके अलावा करेले में पानी की अधिक मात्रा पायी जाती हे। और हम सभी ये अच्छी तरह से जानते हे की पानी भूख को दबाने का काम करता हे और हम अधिक खाने से बच जाते है। करेले का 80-85% भाग केवल पानी होता है। (10)
शरीर को ऊर्जावान बनाए रखने में
करेले के जूस का नियमित सेवन शरीर को ऊर्जावान बनाए रखने में मदद करता है। स्थिरता और ऊर्जा के स्तर के बढ्ने के कारण आप अच्छी नींद का आनंद उठा सकते है। (11)
त्वचा के बचाव में
त्वचा के बचाव में भी करेला महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। त्वचा को कई तरह के संक्रमण से बचाने,त्वचा को चमकदार बनाए रखने, घावो के जल्दी भरने, चेहरे की लकीरों को कम करने, त्वचा को सन बर्निंग से बचाने इत्यादि में मददगार है।(12)
बालों के लिए
करेले और करेले के जूस का इस्तेमाल आप बालों को चमकदार बनाने, रूसी से छुटकारा पाने, उलझे और बेजान बालों से मुक्ति पाने, तथा बालों के झड़ने की समस्या को कम करने के लिए भी कर सकते है।(13)
नोट: यद्धयपी करेला स्वस्थ्य के लिए लाभप्रद है परंतु फिर भी इसका इस्तेमाल अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए यह हानिकारक हो सकता है। गर्भवती महिलाओ को इसका सेवन कम करना चाहिए क्यों की यह उनमें प्रसव पीड़ा का कारण बन सकता है। इसके अलावा मधुमेह रोगियो को भी इसका सेवन केवल चिकित्सक से परामर्श करने के पश्चात ही करना चाहिए।
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