पुदीना खाने के 16 स्वास्थ्य लाभ | 16 Health Benefits of Eating Mint Leaves

Posted by अटपटी ख़बरे


पुदीना (Mint) ,एक लोकप्रिय औषधि, खाने के कई स्वास्थ्य लाभ हैं जिनमें उचित पाचन, वजन घटाने, अवसाद, थकान और सिरदर्द, अस्थमा, स्मृति हानि, और त्वचा की देखभाल संबंधी समस्याओं से राहत शामिल है। पुदीने को एक बेहतरीन माउथ फ्रेश्नर के रूप में भी जाना जाता है। पुदीने की दो दर्जन से अधिक प्रजातियां और सैकड़ों प्रकार की किस्मे पायी जाती है। यह एक औषधिय पौधा है जिसका उपयोग सैकड़ों वर्षों में इसके उल्लेखनीय औषधीय गुणों के लिए किया गया है। बाज़ार में आपको अनेक ऐसे उत्पाद देखने के लिए मिल जाएंगे जिनमें पुदीने का इस्तेमाल किया जाता है। इनमे टुथ पेस्ट, च्विंगम, माउथ फ्रेष्नेर्स, कैंडी और इनहेलर्स जैसे कई उत्पाद शामिल है। 

आइए जानते है की पुदीने(Mint) की पत्तियों का इस्तेमाल स्वास्थ्य के लिए कैसे फायदेमंद है। 
  1. पुदीना (Mint) एंटीऑक्सिडेंट्स और फ़िटेन्यूयरिक्स से भरपूर है और पेट के लिए अद्भुत तरीके से काम करता हैं। पुदीने में मौजूद मेथेनोल पाचन के लिए जरूरी एंजाईम्स को भोजन पचाने में मदद करता है। पुदीना (Mint) पेट की चिकनी मांसपेशियों को आराम पहुंचाता हैं और अपच और ऐंठन की संभावना को कम करता हैं। इसके अलावा पेट की अम्लता को कम करने और पेट की जलन को समाप्त करने के लिए भी पुदीने(Mint) का इस्तेमाल किया जा सकता है। अधिक स्वास्थय लाभ के लिए ग्रीन-टी में कुछ पुदीने(Mint) की पत्तिया डाल कर इस्तेमाल करें। 
  2. कई प्रकार के दर्द घटाने वाले बाम पुदीने(Mint) के अर्क को अपने उत्पादों में मुख्य घटक के रूप में इस्तेमाल करते हैं। इसका कारण यह है कि जब उस क्षेत्र में पुदीने(Mint) को लगाया जाता है, तो यह तुरंत उस भाग पर शीतलता प्रदान करता है। जिससे वह क्षेत्र आंशिक रूप से सुन्न हो जाता है और हमे दर्द से आराम मिलता है। इसके अलावा आप पुदीने(Mint) के अर्क को सूंघ भी सकते है यह नसों को आराम देकर पूरे शरीर को एक दम शांत कर देता है। 
  3. ताज़ा पुदिने (Mint) की पत्तियों का इस्तेमाल मुह से आने वाली बदबू को कम करने के लिए भी किया जाता है। यही कारण है कि बाज़ार में आपको बहुत से ऐसे माउथ फ्रेश्नेर्स मिल जाएंगे जिनमे पुदिने (Mint) का इस्तेमाल किया जाता है। पुदिने (Mint) के ताज़ा या फिर सूखे पत्तों से बनी चाय पीने से मुह में मौजूद बदबू फैलाने वाले बैक्टीरिया को कम करने में मदद मिलती है। इस के साथ-साथ ही पुदीना (Mint) मुह में बनने वाली लार प्रक्रिया को नियंत्रित करता है जिससे मुह में नमी बनाए रखने में मदद मिलती है। 
  4. पुदिने (Mint) कि पत्तियों में मेथनोल पाया जाता है और इसका इस्तेमाल फ्लू के इलाज़ में उपयोग में आने वाली सभी व्यावसायिक दवाओं के उत्पादन में किया जाता है। एंटी-इंफ़्लमेट्री गुणो के कारण मेन्थॉल की गंध श्वसन तंत्र को खोलने में मदद कर सकती है। इसके अलावा पुदिने (Mint) की पत्तियों के जीवाणुरोधी गुणों के कारण ,बैक्टीरिया के हमले से होने वाले संक्रमण को रोकने में भी मदद मिलती है। 
  5. बुखार के इलाज़ में भी पुदिने (Mint) की पत्तियों का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह शरीर को शीतलता प्रदान करता है और ताज़ा बनाए रखता है। बुखार या तापमान वृद्धि होने पर पुद्दिने की पत्तियों का इस्तेमाल शरीर को आराम पहुंचाने के लिए किया जा सकता है। 
  6. मौखिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए भी पुदिने (Mint) की पत्तियों का इस्तेमाल किया जा सकता है। पुदिने (Mint) की पत्तियों में एंटी-बेक्टीरियल गुणो के कारण मुंह, दांत और जीभ में हानिकारक बैक्टीरिया से लड़ने में मदद मिलती है। इसके लिए आप पुदिने (Mint) की पत्तियों को सीधे तौर पर भी चबा सकते है। 
  7. कैंसर के इलाज़ में भी पुदिने (Mint) की पत्तियों का इस्तेमाल किया जा सकता है। यूनिवरसिटि ऑफ सेल्फोर्ड(University of Salford) की एक रिपोर्ट के अनुसार, पुदिने (Mint) की पत्तियों में पाया जाने वाला एक फोटो-केमिकल, कैंसर ट्यूमर की रक्त आपूर्ति काट देता है जिस के कारण उनका विकास नहीं हो पाता। इसके अलावा कैंसर जर्नल के एक शोध में यह भी पाया गया की पुदीना (Mint) कैंसर रोगियो के इलाज़ में उपयोग होने वाली रेडीएशन के कुप्रभाव से भी शरीर को बचाने में मदद करता है। 
  8. तनाव को कम करने के लिए भी पुदिने (Mint) की पत्तियों का इस्तेमाल किया जा सकता है। पुदिने (Mint) में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट शरीर के तनाव को कम करने में मदद करते है। यह आपके शरीर को शांत करके आपके शरीर को आराम पहुंचाते है। 
  9. शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने और बीमारियो से बचाव के लिए भी पुदिने (Mint) का इस्तेमाल किया जाता है। किसी व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली तभी मजबूत हो सकती है यदि वह नियमित रूप से व्यायाम करता है और पोषक तत्वों से समृद्ध खाद्य पदार्थ खाता है। पुदिने (Mint) में मौजूद विटामिन-सी शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है। 
  10. गले में खराश और खाँसी होने पर, पुदिने (Mint) का इस्तेमाल गले को राहत देने के लिए किया जा सकता है। यदि आपका गला जीवाणु संक्रमन के कारण खराब है तो यह जीवाणुयों के नुकसान को कम करके उपचार की प्रक्रिया में तेजी लाने में मदद कर सकता है। इसके अलावा यह आपके गले की परत पर वायरल या बैक्टीरिया के हमले के कारण सूजन को कम करने में मदद कर सकता है।
  11. पुदिने (Mint) के पत्ते एलर्जीक-त्वचा को नियंत्रित करने में उत्कृष्ट हैं। जो लोग अक्सर त्वचा की एलेर्जी से परेशान रहते है उन्हे अपने भोजन में पुदिने (Mint) को अवश्य शामिल करना चाहिए। पुदीना (Mint) एक ऐसा पदार्थ है जो कवक और खराब बैक्टीरिया को नियंत्रित करने और नष्ट करने में मदद कर सकता है।
  12. पुदिने (Mint) में पाये जाने विटामिन–ए के कारण इसका इस्तेमाल आंखों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए भी किया जा सकता है। आंखो से संबन्धित रोगो से ग्रसित लोगो को अक्सर विटामिन-ए से भरपूर खाद्य पदार्थो जैसे की गाजर और पुदीना (Mint) खाने की सलाह दी जाती है। 
  13. पुदिने (Mint) में मौजूद विटामिन-ई और विटामिन-डी के कारण त्वचा को स्वस्थ बनाए रखने के लिए भी पुदिने (Mint) का इस्तेमाल किया जाता है। यह मृत त्वचा या त्वचा जो कि अच्छी नहीं है उसे नवीनीकृत करने के लिए प्रयोग में आता है। पुदिने (Mint) में मौजूद सैलिसिलिक एसिड, क्षतिग्रस्त हो चुकी त्वचा कोशिकाओं के प्रतिस्थापन की प्रक्रिया में बहुत उपयोगी है। जिससे कि त्वचा उसके बाद स्वस्थ हो जाए और ताजा दिखाई दे। 
  14. मुँहासे एक त्वचा की एक ऐसी समस्या है जिसे अक्सर हर किसी के द्वारा अनुभव किया जाता है इसे ठीक करने के लिए हम गुलाब के पानी के साथ पुदिने (Mint) के पत्तों को मिला सकते हैं फिर चेहरे पर लगा कर कुछ देर सूखने दें और फिर ठंडे ताज़े पानी से धो लें। अच्छे परिणाम पाने के लिए नियमित तौर पर इस विधि का इस्तेमाल करें। 
  15. वजन कम करने में भी पुदीना (Mint) एहम भूमिका अदा करता है। यह वसा के पाचन की प्रक्रिया को तेज़ करता है और हमे वजन घटाने में मदद मिलती है। 
  16. मच्छर के काटने से हुयी जलन को कम करने के लिए भी पुदिने (Mint) की पत्तियों का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए पुदिने (Mint) की एक पत्ती को मच्छर के काटे हुये स्थान पर रगड़े ,आराम मिलेगा। 
सावधानिया :
  • गैस्ट्रोइफोफेगल रिफ्लक्स रोग (GERD) वाले लोग, पाचन समस्या को शांत करने के प्रयास में पुदिने (Mint) का उपयोग न करें। यदि गैस्ट्रोइफोफेगल रिफ्लक्स रोग (GERD) से जुड़े लक्षण आप में है तो पुदीना (Mint) इस स्थिति को खराब कर सकता है। 
  • पित्ते की पथरी से ग्रसित लोगो की चिकित्सक से परामर्श किए बिना इसका सेवन नहीं करना चाहिए। 
  • बच्चो के मुह पर कभी भी पुदिने (Mint) के तेल का इस्तेमाल न करें। इस से उन्हे श्वास लेने में दिक्कत हो सकती है और उन्हे दौरा पड सकता है। 
  • गर्भवती महिलाओ को इसकी खपत से बचना चाहिए क्योंकि इसका अधिक उपयोग गर्भपात का कारण हो सकता है। 
  • अधिक मात्र में पुदिने (Mint) का इस्तेमाल विषाक्त हो सकता है। शुद्ध मेन्थॉल विषाक्त है और इसे आंतरिक रूप से नहीं लिया जाना चाहिए। 

पुदिने (Mint) से होने वाले दुश परिणामो से बचने के लिए संतुलित मात्रा में ही पुदिने (Mint) का इस्तेमाल करें।

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