किसी समय की बात है पंजाब प्रांत में डीज़ल तेल की कमी आ गयी| धान की फ़सल के लिए डीज़ल की खास जरूरत होती है | लोग सुबह 4 बजे ही पम्प की लाइनों में खड़े हो जाते | ज़िला बर्नाला के एक गाँव दीवाना के बजुर्ग जिनका नाम बाबा मेहरु था बहुत ही हमदर्दी भरे इंसान थे| सुबह होते ही बाबा मेहरु भी डीज़ल की लाइन में खड़े हो गए | सुबह 8 बजे बाबा मेहरु की बारी आई | बाबा मेहरु के गाँव की एक औरत जिसका पति मर चुका था ,उम्र तकरीबन 40-42 के पास होगी अपने 12 साल के लड़के को ले कर सबसे आखिर में खड़ी थी | बाबा मेहरु ने ऊंचे स्वर में आवाज लगाई ओर बोले “ले कुड़िए पेहला तू भरवा ले “ | बाबा की आवाज़ सुन कर कई लड़को ने विरोध किया |
मेहरु बाबा ने उस औरत को 5 लिटर तेल दिलवाया और खुद सबसे आखिर में जा कर खड़े हो गए| दोपहर के 12 बज चुके थे और बाबा मेहरु की बारी आने ही वाली थी तभी कोई नया ट्रैक्टर ले कर संगत को दर्शनों के लिए साथ ही के गाँव में ले जा रहा था| उनका डीज़ल खत्म होने ही वाला था | संगतों ने पम्प के मालिक से डीज़ल देने की गुजारिश की पर उसने बिना लाइन के डीज़ल देने से इंकार कर दिया | इतने में बाबा मेहरु की तेल लेने की बारी आ गयी| बाबा मेहरु ने अपनी जगह संगतों को तेल भरवा दिया और फिर से जाकर लोगो के पीछे खड़े हो गए| दोपहर के 2 बज चुके थे बाबा मेहरु के लिए घर से दिन का खाना लाने वाला कोई नहीं था | बाबा मेहरु ने पानी पिया और अपनी बारी की प्रतीक्षा करने लगे | शाम के 4:30 बजे तो पम्प का मालिक बोला की तेल खत्म हो चुका है | ये बात सुनते ही सभी लोग अपने अपने घरो की तरफ चल पड़े| बाबा मेहरु को 9 Km का सफर अपनी साइकल पर तय करना था इसलिए उन्होने भरपेट पानी पिया और जाने की त्यारी करने लगे | पम्प का मालिक अंदर से सब देख रहा था | उसने बाबा के हमदर्दी भरे दिल की कदर करते हुये बाबा को आवाज़ लगाई “ कुछ डीज़ल सरकारी कोटे के लिए रखा था ,उसमें से 10 लिटर आप ले जाओ ”। बाबा मेहरु अभी भी अपने पीछे देख रहे थे की कहीं कोई और उनके पीछे बाकी तो नहीं...........
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