दक्षिण कोरिया आत्महत्या के मामले में विश्व में दूसरे नंबर
पर है| इस देश में 40 लोग
रोजाना दबाब भरी ज़िंदगी से तंग आ कर अपना जीवन खो देते है| इसी
के मद्देनज़र स्कूलो में “डैथ एक्सपिरियन्स “ कार्यकर्म लॉंच किया गया है ताकि डिप्रेशन झेल रहे लोग मौत का अनुभव कर
सकें| बच्चों को ताबूत में लेटा कर उनकी तस्वीरों के साथ
नकली शव यात्रा निकली जाती है |
प्रतिभागियों को एक नकली अंतिम संस्कार का अनुभव प्रदान किया जाता है जिसमें वे अपने रिश्तेदारों को पत्र लिखते है ,अपनी वसीयत लिखते है और ताबूत में बंद हो जाते है |
मार्च में भी शिक्षा मंत्रालय द्व्वारा एक स्मार्टफोन एप्लिकेशन को विकसित किया गया है जो स्टूडेंट्स के सोश्ल मीडिया पोस्ट,संदेशों ओर आत्महत्या से संबंधित सर्च किए गए शब्दो को फिल्टर कर आत्मघाती जोखिम की जानकारी माता-पिता को उपलब्ध करवाता है |
प्रतिभागियों को एक नकली अंतिम संस्कार का अनुभव प्रदान किया जाता है जिसमें वे अपने रिश्तेदारों को पत्र लिखते है ,अपनी वसीयत लिखते है और ताबूत में बंद हो जाते है |
मार्च में भी शिक्षा मंत्रालय द्व्वारा एक स्मार्टफोन एप्लिकेशन को विकसित किया गया है जो स्टूडेंट्स के सोश्ल मीडिया पोस्ट,संदेशों ओर आत्महत्या से संबंधित सर्च किए गए शब्दो को फिल्टर कर आत्मघाती जोखिम की जानकारी माता-पिता को उपलब्ध करवाता है |
एक टिप्पणी भेजें