मुह के छाले एक आम स्वास्थ्य समस्या है जो बहुत ज्यादा परेशान कर देने वाली होती है। ये दर्दनाक खुले घाव छाले सफ़ेद रंग के होते है और लाल रंग के बार्डर से घिरे रहते है। अधिकतर यह जीभ के नीचे , गाल और होंठों के बीच दिखाई देते हैं ।
ये कई कारणो से उत्पन्न हो सकते है जैसे कब्ज, वंशानुगत कारक, हार्मोनल परिवर्तन, अतिरिक्त अम्लता, तनाव, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, विटामिन सी, लोहा या अन्य पोषक तत्वों की कमी।
मुंह के छालों आमतौर पर गंभीर समस्या नहीं हैं और सात से 10 दिनों के भीतर ठीक होने लगते हैं। परंतु यदि मुह में पड़ने वाले छालों का व्यास ज्यादा है तो इन्हे ठीक होने मे वक्त लग सकता है।
मुलैठी की जड़ :
मुह के छालों को मुलैठी की जड़ की मदद से भी ठीक किया जा सकता है। यह जड़ी बूटी एक शान्तिदायक के रूप में काम करती है और श्लेष्मा झिल्ली (Mucous Membranes)पर एक सुरक्षात्मक परत बना देती है जो जलन को कम करके खुले घावों को कम करने में मदद करती है।
दो कप पानी में पीसी हुई मुलैठी की जड़ को 2 से 3 घंटे के लिए भिगने के लिए छोड़ दें। इस पानी को उपयोग दिन में कई बार मुह का कुल्ला करने के लिए इस्तेमाल करें।
नारियल का दूध:
नारियल का दूध मुंह के छालों के दर्द से आराम देने में बेहद फायदेमंद है । नारियल के दूध के एक बड़े चम्मच में थोड़ा सा शहद मिलाये और इसकी मालिश प्रभावित क्षेत्र पर करें। ऐसा दिन में कम से कम 3 से 4 बार करें।
इसके अतिरिक्त आप नारियल के दूध का उपयोग मुह का कुल्ला करने के लिए भी कर सकते है या फिर नारियल के तेल को भी प्रभावित क्षेत्र पर लगा सकते है।
धनिये के बीज: धनिये के बीज एक बहुत ही किफ़ायती आयुर्वेदिक इलाज है जो सूजन को कम करके मुह को आराम पहुंचाता है। एक चम्मच धनिये के बीज ले कर उसे एक कप पानी में उबाल ले। इसे ठंडा करें और छान कर पानी का इस्तेमाल कुल्ला करने और बीजो को मुह के छालों पर लगाएँ। ऐसा दिन में 3 से 4 बार करें।
बेकिंग सोडा:
इसे सोडियम बाइकार्बोनेट के नाम से भी जाना जाता है और मुह के छालों से निजात पाने में सहायता करता है। बेकिंग सोडा उन लोगों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है जो अम्लीय खाद्य पदार्थ या पेय की वजह से मुह के छालों से परेशान हो। यह सूजन को कम करके कीटाणुओं और जीवाणुओं को हटा देगा। सावधान रहे यह जलन का कारण बन सकता है। बेकिंग पाउडर को पानी के साथ मिला कर एक पतला पेस्ट बना ले और इसे प्रभावित क्षेत्र पर लगाए। ऐसा दिन में कई बार दोहराएँ।
शहद:
शहद भी मुह के छालों से निजात पाने में मदद करता है। यह मुह की नमी बनाए सखता है और घाव भरने की प्रक्रिया को तेज करता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट और रोगाणुरोधी गुण मौजूद होते है।
रूई का एक फाहा ले कर उसे शहद में डुबोए और प्रभावित क्षेत्र पर लगाए। आप इसी तरह ग्लिसरीन या विटामिन-ई तेल का इस्तेमाल भी कर सकते है।
तुलसी :
तुलसी के पत्ते मुह के छालों की ठीक होने की प्रक्रिया को तेज़ करते है। इसके अलावा इसमें जीवाणुरोधी और एंटीवायरल गुण होते हैं। तुलसी के 4-5 पत्ते ले कर उन्हे साफ पानी से धो लें और उन्हे चबाये। दिन में सुबह और शाम ऐसा करें। एलोविरा: एलोवीरा का जेल या जूस प्रभावित क्षेत्र पर लगाए। यह दर्द को कम करके घाव भरने की प्रक्रिया को तेज़ करता है और एक प्राकृतिक एंटीसेप्टिक के रूप में काम करता है। एक अनुसंधान में इसे हर तरह के मुँह के छालों , घावों, मसूड़े की सूजन , और दाद के रूप में मौखिक स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने के लिए उपयोगी दिखाया गया है।
बर्फ:
बर्फ से मुंह के छालों के दर्द को सुन्न करने के लिए एक प्रभावी घरेलु उपाय है। आप इसका उपयोग जलन पेड़ा करने वाले क्षेत्र पर कर सकते है।
इस उपचार के दौरान मसालेदार और अम्लीय खाद्य पदार्थ खाने से बचे एवं दांतों को साफ करने के लिए नर्म ब्रुश का ही उपयोग करें। यदि समस्या ज्यादा है तो डॉक्टर की सलाह व सहायता जरूर लें।
ये कई कारणो से उत्पन्न हो सकते है जैसे कब्ज, वंशानुगत कारक, हार्मोनल परिवर्तन, अतिरिक्त अम्लता, तनाव, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, विटामिन सी, लोहा या अन्य पोषक तत्वों की कमी।
मुंह के छालों आमतौर पर गंभीर समस्या नहीं हैं और सात से 10 दिनों के भीतर ठीक होने लगते हैं। परंतु यदि मुह में पड़ने वाले छालों का व्यास ज्यादा है तो इन्हे ठीक होने मे वक्त लग सकता है।
मुलैठी की जड़ :
मुह के छालों को मुलैठी की जड़ की मदद से भी ठीक किया जा सकता है। यह जड़ी बूटी एक शान्तिदायक के रूप में काम करती है और श्लेष्मा झिल्ली (Mucous Membranes)पर एक सुरक्षात्मक परत बना देती है जो जलन को कम करके खुले घावों को कम करने में मदद करती है।
दो कप पानी में पीसी हुई मुलैठी की जड़ को 2 से 3 घंटे के लिए भिगने के लिए छोड़ दें। इस पानी को उपयोग दिन में कई बार मुह का कुल्ला करने के लिए इस्तेमाल करें।
नारियल का दूध:
नारियल का दूध मुंह के छालों के दर्द से आराम देने में बेहद फायदेमंद है । नारियल के दूध के एक बड़े चम्मच में थोड़ा सा शहद मिलाये और इसकी मालिश प्रभावित क्षेत्र पर करें। ऐसा दिन में कम से कम 3 से 4 बार करें।
इसके अतिरिक्त आप नारियल के दूध का उपयोग मुह का कुल्ला करने के लिए भी कर सकते है या फिर नारियल के तेल को भी प्रभावित क्षेत्र पर लगा सकते है।
धनिये के बीज: धनिये के बीज एक बहुत ही किफ़ायती आयुर्वेदिक इलाज है जो सूजन को कम करके मुह को आराम पहुंचाता है। एक चम्मच धनिये के बीज ले कर उसे एक कप पानी में उबाल ले। इसे ठंडा करें और छान कर पानी का इस्तेमाल कुल्ला करने और बीजो को मुह के छालों पर लगाएँ। ऐसा दिन में 3 से 4 बार करें।
बेकिंग सोडा:
इसे सोडियम बाइकार्बोनेट के नाम से भी जाना जाता है और मुह के छालों से निजात पाने में सहायता करता है। बेकिंग सोडा उन लोगों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है जो अम्लीय खाद्य पदार्थ या पेय की वजह से मुह के छालों से परेशान हो। यह सूजन को कम करके कीटाणुओं और जीवाणुओं को हटा देगा। सावधान रहे यह जलन का कारण बन सकता है। बेकिंग पाउडर को पानी के साथ मिला कर एक पतला पेस्ट बना ले और इसे प्रभावित क्षेत्र पर लगाए। ऐसा दिन में कई बार दोहराएँ।
शहद:
शहद भी मुह के छालों से निजात पाने में मदद करता है। यह मुह की नमी बनाए सखता है और घाव भरने की प्रक्रिया को तेज करता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट और रोगाणुरोधी गुण मौजूद होते है।
रूई का एक फाहा ले कर उसे शहद में डुबोए और प्रभावित क्षेत्र पर लगाए। आप इसी तरह ग्लिसरीन या विटामिन-ई तेल का इस्तेमाल भी कर सकते है।
तुलसी :
तुलसी के पत्ते मुह के छालों की ठीक होने की प्रक्रिया को तेज़ करते है। इसके अलावा इसमें जीवाणुरोधी और एंटीवायरल गुण होते हैं। तुलसी के 4-5 पत्ते ले कर उन्हे साफ पानी से धो लें और उन्हे चबाये। दिन में सुबह और शाम ऐसा करें। एलोविरा: एलोवीरा का जेल या जूस प्रभावित क्षेत्र पर लगाए। यह दर्द को कम करके घाव भरने की प्रक्रिया को तेज़ करता है और एक प्राकृतिक एंटीसेप्टिक के रूप में काम करता है। एक अनुसंधान में इसे हर तरह के मुँह के छालों , घावों, मसूड़े की सूजन , और दाद के रूप में मौखिक स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने के लिए उपयोगी दिखाया गया है।
बर्फ:
बर्फ से मुंह के छालों के दर्द को सुन्न करने के लिए एक प्रभावी घरेलु उपाय है। आप इसका उपयोग जलन पेड़ा करने वाले क्षेत्र पर कर सकते है।
इस उपचार के दौरान मसालेदार और अम्लीय खाद्य पदार्थ खाने से बचे एवं दांतों को साफ करने के लिए नर्म ब्रुश का ही उपयोग करें। यदि समस्या ज्यादा है तो डॉक्टर की सलाह व सहायता जरूर लें।
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