जीवन की राह

Posted by अटपटी ख़बरे

यह जीवन की राह निराली है ,
कहीं सेहरा है तो कहीं हरियाली है |

कभी मंज़िले भी रास्ता भटक जाती है ,
तो कभी राह खुद मंजिल बन जाती है|

कोई महफिल में तन्हा रह जाता है,
तो कोई तनहाई में भी मुस्कुराता है|

जब वक़्त था तब और कुछ नहीं था ,
अब सबकुछ है बस वक़्त नही है|

सच, यह जीवन की राह निराली है ,
कहीं सेहरा है तो कहीं हरियाली है |

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