यह जीवन की राह निराली है ,
कहीं सेहरा है तो कहीं हरियाली है |
कभी मंज़िले भी रास्ता भटक जाती है ,
तो कभी राह खुद मंजिल बन जाती है|
कोई महफिल में तन्हा रह जाता है,
तो कोई तनहाई में भी मुस्कुराता है|
जब वक़्त था तब और कुछ नहीं था ,
अब सबकुछ है बस वक़्त नही है|
सच, यह जीवन की राह निराली है ,
कहीं सेहरा है तो कहीं हरियाली है |
कहीं सेहरा है तो कहीं हरियाली है |
कभी मंज़िले भी रास्ता भटक जाती है ,
तो कभी राह खुद मंजिल बन जाती है|
कोई महफिल में तन्हा रह जाता है,
तो कोई तनहाई में भी मुस्कुराता है|
जब वक़्त था तब और कुछ नहीं था ,
अब सबकुछ है बस वक़्त नही है|
सच, यह जीवन की राह निराली है ,
कहीं सेहरा है तो कहीं हरियाली है |
एक टिप्पणी भेजें